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ट्रांसफर-पोस्टिंग से दूर रहें सांसद, उप्र के सांसदों को हिदायत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सुशासन की शपथ भले ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने खाई हो, जिम्मेदारी प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों को भी निभानी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि सरकार से ट्रांसफर, पोस्टिंग व पैरवी की कोई अपेक्षा रखे बगैर इस पर ध्यान दें कि राज्य सरकार की दिशा और गति कैसे और तेज हो। सांसद कोई व्यवधान बनने की बजाय सहायक बनें। उनसे स्पष्ट कर दिया गया कि भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था दो ऐसे मुद्दे हैं जिस पर कोई समझौता नहीं होगा। ऐसे में पार्टी के लिए सहानुभूति रखने वाला भी अगर कानून की नजरों में है तो उसकी मदद नहीं हो सकती है।

पिछले साल की तर्ज पर ही प्रधानमंत्री ने अलग-अलग राज्यों के भाजपा सांसदों से मिलने का दौर शुरू कर दिया है। पहली खेप में गुरुवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद सुबह के जलपान पर आमंत्रित किए गए थे। इक्के दुक्के सांसदों को छोड़कर सभी मौजूद थे। पोहा, आलू-पूड़ी, सैंडविच, रबड़ी आदि के नाश्ते से पहले प्रधानमंत्री और शाह ने उत्तर प्रदेश की जीत के लिए सबको बधाई दी पर साथ ही यह आगाह भी कर दिया कि प्रदेश सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप न करें। उन्हें भरोसा जरूर दिलाया गया कि संसदीय कामकाज के निर्वाह में प्रदेश सरकार पूरी मदद करेगी। लेकिन न तो व्यक्तिगत कामकाज और पैरवी की अपेक्षा रखें और न ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाएं।

बताते हैं कि कुछ सांसदों ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस के दबाव की बात उठाई। लेकिन, उन्हें भी यह स्पष्ट कर दिया गया कि कानून मे कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। इसके बाद चार अन्य बैच में अलग अलग राज्यों के सांसदों को भी नाश्ते पर बुलाया जाएगा और संगठन व सरकार पर चर्चा होगी।

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