तीन साल शिक्षकों की भर्ती नहीं: बेसिक स्कूलों का सर्वे पूरा, प्रदेश में 65 हजार सरप्लस शिक्षक

LUCKNOW: बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने की बाट जोह रहे लाखों कैंडीडेट्स के लिए ये खबर किसी बड़े शॉक से कम नहीं है. असल में बेसिक शिक्षा निदेशालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे प्रदेश में मौजूदा समय में 65,000 से अधिक टीचर्स मानक से अधिक तैनात हैं.
ऐसे में विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले तीन सालों तक भर्ती की प्रकिया पर ताला बंद रह सकता है. विभाग फिलहाल इन शिक्षकों का समायोजन और ट्रांसफर ऐसी जगह करने पर जोर दे रहा है जहां शिक्षकों की कमी है .
शासन को भेजी जा रही रिपोर्ट
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी की बात कही जा रही थी. नई सरकार बनने के बाद इसकी कवायद भी शुरू की गई. सीएम योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक और बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए नया भर्ती बोर्ड (आयोगग) बनाने की बात कही थी. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने की बात भी कही गई थी. जिस यह पता चल सके प्रदेश में कुल कितने शिक्षकों के पद खाली है. रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है. विभाग इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजने की तैयारी में है. बेसिक शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि शासन के आदेश के बाद आयोग के गठन की तैयारी के साथ-साथ शिक्षकों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा था. जिसमें यह सामने आया है कि पूरे प्रदेश में मौजूदा समय में बेसिक शिक्षा परिषद के जितने स्कूल है उसके हिसाब से 65 हजार शिक्षक पूरे प्रदेश में अधिक है.
भर्ती आयोग न गठित करने की सिफारिश
विभाग के एक अधिकारी ने नाम छापने के शर्त पर बताया कि इतने संख्या में सरप्लस शिक्षक होने की स्थिति में प्रदेश में अगले तीन साल तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की निुयक्ति नहीं की जा सकती है. विभाग सरकार को एक रिपोर्ट भेजने जा रही है. जिसमें बेसिक शिक्षा भर्ती आयोग के गठन न करने की सिफारिश भी जा जाएगी.
शहरी क्षेत्रों में मानक से अधिक शिक्षक
बेसिक शिक्षक संघ के विनय कुमार सिंह बताते है कि शिक्षा के अधिकार-2009 के नियम के अनुसार, क्लास एक पांच में पांच शिक्षक और छह से आठवीं में तीन शिक्षक के होने का नियम है. जबकि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद का जो नियम स्कूलों में लागू है. उसके अनुसार क्लास एक से पांच तक एक से 30 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक और 30 से 60 स्टूडेंट्स होने पर दो शिक्षक होना चाहिए. जबकि क्लास छह से आठवीं में एक से 36 स्टूडेंट्स पर एक टीचर और 36 से 70 स्टूडेंट्स पर दो टीचर्स का मानक है.
तो बीटीसी स्टूडेंट्स को मायूसी
प्रदेश में अगर तीन साल तक बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है. तो बीटीसी की ट्रेनिंग कर रहे स्टूडेंट्स को बड़ा झटका लग सकता है. अभी भी प्रदेश में पिछले दो सेशन के स्टूडेंट्स के समायोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. अगर यही स्थिति रही तो बीटीसी करने वाले स्टूडेंट्स को नौकरी के लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है. बता दें कि बेसिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए बीटीसी का होना अनिवार्य है.
कोट
सर्वे का काम पूरा हो चुका है. उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. मानकों के अनुसार, इसके बाद शासन को इस पर अंतिम फैसला लेना है.
-सर्वेद्र विक्रम सिंह, डायरेक्टर, बेसिक शिक्षा
प्रदेश में
1. 5 लाख से अधिक स्कूल
6 लाख से अधिक शिक्षक
राजधानी में
23 सौ स्कूल
5 हजार से अधिक
(आंकड़े अनुमानित )

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