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लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद जैसे जिलो में सरप्लस हैं शिक्षक बड़े शहरों में मुश्किल होगी तबादले की राह

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के उन शिक्षकों की उम्मीद टूटती दिख रही है, जो तबादले में बड़े शहरों का रुख करने का ख्वाब पाले थे। प्राइमरी स्कूलों में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के खाली पदों का जो आंकड़ा सामने आ रहा हैं, उसके अनुसार बड़े शहरों में पहले से ही पद से अधिक शिक्षक तैनात हैं।
यहां तबादले से अधिक चुनौती मौजूदा शिक्षकों के ही समायोजन की होगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के पास प्रदेश के सभी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में पदों के सापेक्ष तैनाती की जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार जहां बड़े जिलों में पद से अधिक शिक्षक तैनात हैं वहीं छोटे जिलों में शिक्षकों का टोटा है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के कुल 400691 पद सृजित हैं। इसमें 354131 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 46560 खाली हैं। हालांकि अभी शहरी क्षेत्रों के आंकड़े आने बाकी है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार संतकबीरनगर, मऊ, रायबरेली, गाजियाबाद, शामली में निर्धारित पदों से अधिक शिक्षक तैनात हैं। राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में सहायक अध्यापक के निर्धारित पद से 158 शिक्षक अधिक तैनात हैं।

400691 पद हैं प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के ग्रामीण क्षेत्र में

46560 पद खाली हैं ग्रामीण क्षेत्रों में

हालांकि यहां प्रधानाध्यापक के पद पर जरूर मौका है जिसके 260 पद रिक्त हैं। झांसी, हापुड़, नोएडा, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ, कानपुर नगर, शाहजहांपुर आदि जिलों में भी सहायक अध्यापक सरप्लस है। गोरखपुर, देवरिया, बरेली सहित जिन शहरों में थोड़े बहुत पद खाली भी हैं वहां भी संभावना बहुत कम हैं। इसके पीछे वजह यह है कि जिलों में खाली सीटों के 25 फीसदी पदों पर ही तबादले होने हैं। इसलिए सीटों के आंकड़े और कम हो जाएंगे।

छोटे जिलों में बड़े मौके

एक दर्जन से अधिक जिले ऐसे हैं जहां पर शिक्षकों की कमी है। इन जिलों में 1000 से लेकर 3000 सीटें खाली हैं। इसमें गाजीपुर, बांदा, सुलतानपुर, महराजगंज, रामपुर, सोनभद्र, बहराइच, बलरामपुर, हरदोई, कुशीनगर, लखीमपुर, गोंडा, जौनपुर, बदायूं, सीतापुर जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों में आने वालों के लिए तो मौका रहेगा लेकिन यहां के जो शिक्षक तबादला चाहते हें उनके लिए मुश्किल बढ़ जाएगी। तबादला नीति में शर्त है कि जिन जिलों में 15 फीसदी से अधिक पद खाली हैं वहां पर तबादले नहीं किए जाएंगे। ऐसे में समायोजन के बाद ही इन जिलों की स्थित स्पष्ट हो सकेगी।

इन जिलों में सर्वाधिक खाली पद

संतकबीर नगर 919

मऊ 841

रायबरेली 561

गाजियाबाद 427

यहां पद से अधिक शिक्षक तैनात

जिला खाली पद

(ग्रामीण)

सीतापुर 3154

बदायूं 2364

जौनपुर 2178

गोंडा 1982

लखीमपुर 1884

कुशीनगर 1863

हरदोई 1679

बलरामपुर 1432

बहराइच 1314

सोनभद्र 1238



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