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16 वर्षों से लगातार शिक्षण कार्य के बाद भी आयोग्य - सुधाकर तिवारी

उन्नाव. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों की समस्याओं का कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश सरकार से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षामित्रों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में फिर से धरना देना शुरू कर दिया है।
जहां वक्ताओं ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का निश्चय किया है। वक्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 170000 शिक्षामित्रों व उनके परिवार का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

विगत 16 वर्षों से लगातार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर यह शिक्षामित्र के सामने कोई दूसरा विकल्प भी नहीं बचा है। शिक्षामित्रों का कहना है कि सभी शिक्षामित्र स्नातक और बीटीसी योग्यताधारी हैं। इसके बाद भी उनका भविष्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंधकारमय हो गया। धरना में वक्ताओं ने अपने जोशीले भाषण से एक दूसरे का उत्साह बढ़ाया और निर्णायक निर्णय आने तक लड़ाई लड़ते रहने की बात कही।
प्रदेश से लेकर केंद्र तक लड़ी जाएगी लड़ाई
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने कहा कि अब यह लड़ाई प्रदेश से लेकर केंद्र तक लड़ी जाएगी। यदि प्रदेश में शासन से वार्ता विफल होती है तो जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन पीछे हटने वाला नहीं है। जब तक उनका मान सम्मान वापस नहीं मिलेगा।

तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। तिवारी ने कहा कि आज भी कई शिक्षक विद्यालय में काम करने के लिए जा रहे हैं। जब कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आप उस लायक नहीं छोड़े गए हैं। जवाब उस लायक हो जाए तब विद्यालय शिक्षण कार्य के लिए जाएगा। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों को कसम दिलाई कि आज के बाद कोई समायोजित शिक्षक विद्यालय पढ़ाने के लिए नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन आपके लिए पूरी तरह से समर्पित है।

अध्यादेश लाकर समायोजित शिक्षकों का सम्मान वापस करें

मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में शिक्षामित्रों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश 25 जुलाई 2017 के अनुपालन में तात्कालिक रूप से सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाकर नया कानून बनाया जाए। जिससे 170000 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पद पर बने रहें।


शिक्षामित्रों की दूसरी मांग, नया अध्यादेश लाए जाने तक प्रदेश के समायोजित शिक्षक व शिक्षामित्रों को सहायक पद के बराबर समान कार्य समान वेतन दिया जाए। धरना प्रदर्शन में अन्य लोगों के अलावा अजय प्रताप सिंह, अजीत पटेल, पुरुषोत्तम सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में पुरुष महिला शिक्षक मौजूद थी।
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