संविधान संशोधन कर सहायक अध्यापक पद पर बहाली की मांग
21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का किया एलान
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने से नाराज शिक्षामित्रों का धरना दूसरे दिन शुक्रवार को भी बीएसए कार्यालय पर जारी रहा। शिक्षामित्रों ने मांगें न माने जाने पर 21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का एलान किया है।
प्रदेश सरकार से नौकरी की बहाली के बारे में किसी भी प्रकार का स्पष्ट संकेत न मिलने से आहत शिक्षामित्र फिर से आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। शिक्षामित्रों ने बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय पर धरना शुरू किया था, जो शुक्रवार को भी जारी रहा। सुबह नौ बजे से बीएसए कार्यालय पर धरना देने के लिए एकत्रित हुए शिक्षामित्र शाम तक डटे रहे। जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सूबे के 1.72 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गए हैं, जिससे उनके बच्चों का पालन पोषण और शिक्षा प्रभावित होकर रह गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में हुई जनसभा के दौरान आश्वासन दिया था कि शिक्षामित्रों के जीवन की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन अभी तक उन्होंने हमारी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए किसी भी प्रकार की पहल नहीं की है। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री से अपने परिवार और बच्चों के हितों के लिए त्वरित निर्णय लेने की मांग की है। इस दौरान विनय वर्मा, विकास सिंह, राजकुमार गोस्वामी, आशा सिंह, पूनम मिश्रा, अनुराधा, माधुरी, सिंताशु, उमा देवी, शशी वर्मा, परमानंद मिश्रा, शैलेंद्र कुमार, गौरव शुक्ला, सौरभ प्रजापति आदि लोग मौजूद रहे।
यह हैं मांगे
1. समायोजित शिक्षक एवं शिक्षामित्रों को अध्यादेश लाकर संविधान संशोधन कराके सहायक अध्यापक के पद पर पुन: बहाली दी जाए।
2. इस प्रक्रिया को पूरी होने तक समान कार्य समान वेतन की व्यवस्था लागू रखने की मांग।
लखनऊ में होगा तीन दिवसीय धरना
बीएसए कार्यालय पर शनिवार को भी शिक्षामित्र मांगों को लेकर धरना देंगे और उसके बाद 21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ रवाना होंगे और मांगें पूरी न होने तक वहां भी तीन दिनों तक धरना देंगे। प्रदेश मुख्यालय पर समाधान न होने पर शिक्षामित्र दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
शिक्षामित्र हड़ताल पर, शिक्षक चुुनाव में, स्कूलों में लटके ताले
निघासन। शिक्षामित्र हड़ताल पर होने के कारण कई स्कूलों में ताला लटक रहा है। मुन्नापुरवा, ढकवा गदियाना, छेदुई पतिया स्कूल में ताले लटक रहे थे। यहां पर तैनात शिक्षा मित्र हड़ताल पर थे और शिक्षक चुनाव में व्यस्त थे।
सुबह साढे आठ बजे प्राथमिक विद्यालय छेदुई पतिया
प्राथमिक विद्यालय छेदुई पतिया में ताला लटक रहा था। इस स्कूल में दो सहायक अध्यापक और तीन शिक्षामित्र है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अनुज, तान्या ने बताया कि सुबह स्कूल आए थे। ताला लगा होने के कारण घर वापस जा रहे है।
नौ बजे, धोबी पुरवा
धोबीपुरवा प्राथमिक स्कूल में अध्यापक अनुज खरे बच्चों को पढ़ा रहे थे। प्रधानाध्यापक महावीर सिंह दूसरी कक्षा में बच्चों को लिखवा रहे थे। प्रधानाध्यापक ने बताया कि 120 बच्चे है। एक शिक्षा मित्र है। उनके हड़ताल पर होने के बावजूद कोशिश की जा रही है कि पढ़ाई में कोई व्यवधान पैदा न हो। मुर्गहा और सेमरहिया प्राथमिक समय से खुले थे। वहां भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।
11 बजे, प्राथमिक विद्यालय बल्लीपुर
शिक्षक संघ चुनाव के लिए बल्लीपुर प्राथमिक विद्यालय में सुबह करीब 10 बजे छुट्टी हो गई थी। स्कूल की रसोइयां ने बताया कि चुनाव के कारण शिक्षक स्कूल बंद करके चले गए।
शिक्षक का अधिकार है कि वह संघ के चुनाव में शामिल हो, लेकिन इसके लिए स्कूल को बंद करना गलत है। शिक्षकों को छुट्टी के बाद वोट डालने जाना चाहिए था। जो स्कूल बंद रहे हैं उनकी जांच कराके जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीके वर्मा, एबीएसए निघासन
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का किया एलान
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने से नाराज शिक्षामित्रों का धरना दूसरे दिन शुक्रवार को भी बीएसए कार्यालय पर जारी रहा। शिक्षामित्रों ने मांगें न माने जाने पर 21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का एलान किया है।
प्रदेश सरकार से नौकरी की बहाली के बारे में किसी भी प्रकार का स्पष्ट संकेत न मिलने से आहत शिक्षामित्र फिर से आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। शिक्षामित्रों ने बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय पर धरना शुरू किया था, जो शुक्रवार को भी जारी रहा। सुबह नौ बजे से बीएसए कार्यालय पर धरना देने के लिए एकत्रित हुए शिक्षामित्र शाम तक डटे रहे। जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सूबे के 1.72 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गए हैं, जिससे उनके बच्चों का पालन पोषण और शिक्षा प्रभावित होकर रह गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में हुई जनसभा के दौरान आश्वासन दिया था कि शिक्षामित्रों के जीवन की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन अभी तक उन्होंने हमारी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए किसी भी प्रकार की पहल नहीं की है। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री से अपने परिवार और बच्चों के हितों के लिए त्वरित निर्णय लेने की मांग की है। इस दौरान विनय वर्मा, विकास सिंह, राजकुमार गोस्वामी, आशा सिंह, पूनम मिश्रा, अनुराधा, माधुरी, सिंताशु, उमा देवी, शशी वर्मा, परमानंद मिश्रा, शैलेंद्र कुमार, गौरव शुक्ला, सौरभ प्रजापति आदि लोग मौजूद रहे।
यह हैं मांगे
1. समायोजित शिक्षक एवं शिक्षामित्रों को अध्यादेश लाकर संविधान संशोधन कराके सहायक अध्यापक के पद पर पुन: बहाली दी जाए।
2. इस प्रक्रिया को पूरी होने तक समान कार्य समान वेतन की व्यवस्था लागू रखने की मांग।
लखनऊ में होगा तीन दिवसीय धरना
बीएसए कार्यालय पर शनिवार को भी शिक्षामित्र मांगों को लेकर धरना देंगे और उसके बाद 21 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ रवाना होंगे और मांगें पूरी न होने तक वहां भी तीन दिनों तक धरना देंगे। प्रदेश मुख्यालय पर समाधान न होने पर शिक्षामित्र दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
शिक्षामित्र हड़ताल पर, शिक्षक चुुनाव में, स्कूलों में लटके ताले
निघासन। शिक्षामित्र हड़ताल पर होने के कारण कई स्कूलों में ताला लटक रहा है। मुन्नापुरवा, ढकवा गदियाना, छेदुई पतिया स्कूल में ताले लटक रहे थे। यहां पर तैनात शिक्षा मित्र हड़ताल पर थे और शिक्षक चुनाव में व्यस्त थे।
सुबह साढे आठ बजे प्राथमिक विद्यालय छेदुई पतिया
प्राथमिक विद्यालय छेदुई पतिया में ताला लटक रहा था। इस स्कूल में दो सहायक अध्यापक और तीन शिक्षामित्र है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अनुज, तान्या ने बताया कि सुबह स्कूल आए थे। ताला लगा होने के कारण घर वापस जा रहे है।
नौ बजे, धोबी पुरवा
धोबीपुरवा प्राथमिक स्कूल में अध्यापक अनुज खरे बच्चों को पढ़ा रहे थे। प्रधानाध्यापक महावीर सिंह दूसरी कक्षा में बच्चों को लिखवा रहे थे। प्रधानाध्यापक ने बताया कि 120 बच्चे है। एक शिक्षा मित्र है। उनके हड़ताल पर होने के बावजूद कोशिश की जा रही है कि पढ़ाई में कोई व्यवधान पैदा न हो। मुर्गहा और सेमरहिया प्राथमिक समय से खुले थे। वहां भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।
11 बजे, प्राथमिक विद्यालय बल्लीपुर
शिक्षक संघ चुनाव के लिए बल्लीपुर प्राथमिक विद्यालय में सुबह करीब 10 बजे छुट्टी हो गई थी। स्कूल की रसोइयां ने बताया कि चुनाव के कारण शिक्षक स्कूल बंद करके चले गए।
शिक्षक का अधिकार है कि वह संघ के चुनाव में शामिल हो, लेकिन इसके लिए स्कूल को बंद करना गलत है। शिक्षकों को छुट्टी के बाद वोट डालने जाना चाहिए था। जो स्कूल बंद रहे हैं उनकी जांच कराके जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीके वर्मा, एबीएसए निघासन
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