लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्ली मोदी सरकार ने टीचरों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया है कि अब शारीरिक रूप से सक्षम शिक्षक 75 साल की उम्र तक अध्यापन कार्य कर सकेंगे।
अभी तक शिक्षकों की सेवानिवृति की उम्र 60 वर्ष है। देश में शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार की यह अहम पहल मानी जा रही है।
*अप्रशिक्षित शिक्षकों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए पंजीकरण*
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर के 11 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। शिक्षकों को 15 सितंबर तक एनआईओएस (ओपन स्कूल) की वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत कराना है। मंत्रालय ने कहा कि जिन शिक्षकों ने 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं की है या जिनके 12वीं में पचास फीसदी से कम अंक हैं, उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण के अलावा दोबारा इंटरमीडिएट की परीक्षा भी पास करनी होगी। इन शिक्षकों को मंत्रालय के स्वयं पोर्टल एवं डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा के जरिये प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें डीएलईएड कोर्स कराया जाएगा। लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे भी हैं जो 12वीं पास नहीं है या बारहवीं में पचास फीसदी से कम अंक हैं। जबकि 2010 से पूर्व शिक्षक बनने के लिए 12वीं में 50 फीसदी अंक लाने होते थे। ऐसे शिक्षकों को कहा गया है कि वे ओपन स्कूल से दोबारा 12वीं पास करें।
बता दें कि 11 लाख सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों में से सात लाख निजी स्कूलों में हैं। जबकि ढाई लाख सरकारी स्कूलों में हैं। सरकारी स्कूलों में डेढ़ लाख शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने एक साल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा एक साल का बाकी है।
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अभी तक शिक्षकों की सेवानिवृति की उम्र 60 वर्ष है। देश में शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार की यह अहम पहल मानी जा रही है।
*अप्रशिक्षित शिक्षकों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए पंजीकरण*
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर के 11 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। शिक्षकों को 15 सितंबर तक एनआईओएस (ओपन स्कूल) की वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत कराना है। मंत्रालय ने कहा कि जिन शिक्षकों ने 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं की है या जिनके 12वीं में पचास फीसदी से कम अंक हैं, उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण के अलावा दोबारा इंटरमीडिएट की परीक्षा भी पास करनी होगी। इन शिक्षकों को मंत्रालय के स्वयं पोर्टल एवं डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा के जरिये प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें डीएलईएड कोर्स कराया जाएगा। लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे भी हैं जो 12वीं पास नहीं है या बारहवीं में पचास फीसदी से कम अंक हैं। जबकि 2010 से पूर्व शिक्षक बनने के लिए 12वीं में 50 फीसदी अंक लाने होते थे। ऐसे शिक्षकों को कहा गया है कि वे ओपन स्कूल से दोबारा 12वीं पास करें।
बता दें कि 11 लाख सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों में से सात लाख निजी स्कूलों में हैं। जबकि ढाई लाख सरकारी स्कूलों में हैं। सरकारी स्कूलों में डेढ़ लाख शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने एक साल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा एक साल का बाकी है।
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