भगवा टोपी लगाकर शिक्षामित्रों ने किया प्रदर्शन, सरकार से मांगी मदद

कानपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद शिक्षामित्रों का आन्दोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश सरकार से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षामित्रों का आन्दोलन दोबारा शुरू हो गया है।
इसी के चलते बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय में भगवा टोपी लगाकर खोया सम्मान पाने की गुहार लगाई। इसके साथ ही आधे घंटे तक ताली बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया।

जानें पूरा मामला
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों का समायोजन बीते 25 जुलाई 2017 को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए समायोजन रद्द कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के आश्वासन् पर शिक्षामित्रों ने अपना आन्दोलन ख़त्म कर दिया था। उन्हें 15 दिन का समय दिया था। लेकिन 15 दिनों में प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों  के लिए कोई रास्ता नहीं निकाल सकी, इससे नाराज शिक्षामित्रों ने अपना आन्दोलन दोबारा शुरू कर दिया है। इस दौरान शिक्षामित्रों ने विभिन्न स्लोगन लिखे जैसे, अमित शाह जी अपना चुनावी वादा पूरा करें ,योगी जी अपने संकल्प पत्र का वादा पूरा करें ,17 वर्षो तक त्याग किया नौनिहालों को ज्ञान दिया, महामहिम उपराष्ट्रपति जी हमें न्याय दो।
क्यों पहना भगवा रंग
शुक्रवार को कानपुर के शिक्षामित्रों बीएसए कार्यालय में हाथों में तिरंगा लेकर और सिर पर भगवा टोपी लगाकर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवा कपडे पहन कर प्रदेश चला रहे हैं। हम उनको यह बताना चाहते है कि हम सरकार के साथ है इसी वजह से हमने भी भगवा टोपी पहन कर यह जताने का काम किया है l
क्या है इनकी मांगे

संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष दुष्यंत सिंह के मुताबिक हमने भगवा टोपी पहन कर आधे घंटे तक तालिया बजाई है। अपने इस आन्दोलन के माध्यम के हम सरकार को यह बताना चाहते हैं हम उनके साथ है। लेकिन सरकार हमारा खोया सम्मान वापस दिला दे, उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे, सरकारी कानून बनाकर सम्मान जनक वेतन प्रदान करे ,इच्छा मृत्यु मंजूर है लेकिन पुनः शिक्षामित्र पद नहीं।

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