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बिहार: शिक्षक पात्रता परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों की जाएगी नौकरी

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के शिक्षा विभाग में 50 और उससे अधिक उम्र के अक्षम और अयोग्य शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है।

राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने संवाददाता समेलन में गुरुवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री ने यह अहम फैसला शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा के दौरान लिया। उन्होंने कहा कि विभाग में 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वैसे शिक्षक और पदाधिकारी जिनका प्रदर्शन और कार्य खराब रहा है उन्हें स्वैछिक सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक कमेटी बनाकर बिहार विद्यालय परीक्षा समीति के परीक्षा परिणामों में जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब रहा है, वैसे स्कूलों को चिन्हित किया गया है।
ऐसे चिन्हित स्कूलों के 50 और उससे अधिक उम्र के शिक्षकों और पदाधिकारियों को जिनका प्रदर्शन खराब रहा है, सरकार उनकी छुट्टी करेगी। अंजनी सिंह ने कहा कि ऐसे शिक्षकों और पदाधिकारियों के खिलाफ एक महीने के अंदर कार्रवाई की जायेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि दक्षता परीक्षा तीन बार उत्तीर्ण नहीं होने वाले नियोजित शिक्षकों को भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि दो से तीन हजार नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा नहीं पास की जिनपर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस समीक्षा बैठक में स्कूलों की साफ-सफाई का जिम्मा भी छात्र-छात्राओं को सौंपने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि छात्रों की भागीदारी से स्कोलों में बेहतर साफ-सफाई रह सकेगी। इस बीच माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पाण्डेय ने शिक्षकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने के नीतीश कुमार के निर्णय को शिक्षा में गुणात्मक सुधार का नकारात्मक प्रयास बताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की स्थति में कोई सुधार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शिक्षकों की कमी को दूर करने के अलावा उन्हें शिक्षण कार्यों से मुक्ति भी देनी होगी।

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