इलाहाबाद 1अपनी मांगों को लेकर आंदोलित शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। सुबह दस बजे जिले के सभी 21 विकास खंडों के शिक्षामित्र सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर जमा हुए। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में झाड़ू लगाई।
शिक्षमित्रों का दल पैदल मार्च करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचा। 1समायोजन निरस्त होने से आहत नगर और ग्रामीण अंचलों के हजारों शिक्षामित्रों ने अपने हक और हुकूक के लिए फिर से हुंकार भर रहे हैं। सुबह दस बजे सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर जुटे शिक्षामित्रों ने संयुक्त शिक्षामित्र संघ के नेतृत्व में आयोजित सभा में पुरजोर तरीके से अपने अधिकारों की बात कही। शिक्षामित्रों का स्पष्ट कहना है कि सरकार नया अध्यादेश लाकर प्रदेश के 1.70 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए रहने का अध्यादेश जाने तक समान कार्य और वेतन जारी रखना चाहिए। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन और उत्तरप्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ द्वारा गठित संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने अपनी मांगें मांगे न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। दोनों शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी और वसीम अहमद का कहना है कि सरकार को उनकी मांगों को मानना पड़ेगा। समायोजन रद होने से हजारों शिक्षामित्रों के सामने रोजीरोटी का संकट पैदा हो चुका है। अधिक उम्र के लोगों के सामने मरने मारने की स्थिति पैदा हो चुकी है। किसी भी सूरत में ‘शिक्षक’ पदनाम से समझौता नही किया जाएगा। सभा को अभिनव त्रिपाठी, मो. अख्तर, जनार्दन पांडेय, इकबाल बहादुर, सुनील तिवारी, अरूण सिंह, संदीप तिवारी, राकेश शुक्ल, विवेक मिश्र, कमलाकर सिंह, होरी लाल, संदीप तिवारी, सुरेंद्र चौधरी, वंदना सरोज आदि ने संबोधित किया।
21 अगस्त को लखनऊ में भरेंगे हुंकार : स्थानीय स्तर पर शिक्षामित्रों की मांगे न सुने जाने की स्थिति में 21 अगस्त को लखनऊ विधानसभा के सामने प्रदर्शन की बात कही है। शिक्षामित्रों का कहना है कि सरकार को अपने प्रदेश के 1.70 लोगों के भविष्य के संरक्षण की पहल करनी चाहिए। समायोजन को लेकर निर्णय अवश्य लिया जाना चाहिए।
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शिक्षमित्रों का दल पैदल मार्च करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचा। 1समायोजन निरस्त होने से आहत नगर और ग्रामीण अंचलों के हजारों शिक्षामित्रों ने अपने हक और हुकूक के लिए फिर से हुंकार भर रहे हैं। सुबह दस बजे सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर जुटे शिक्षामित्रों ने संयुक्त शिक्षामित्र संघ के नेतृत्व में आयोजित सभा में पुरजोर तरीके से अपने अधिकारों की बात कही। शिक्षामित्रों का स्पष्ट कहना है कि सरकार नया अध्यादेश लाकर प्रदेश के 1.70 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए रहने का अध्यादेश जाने तक समान कार्य और वेतन जारी रखना चाहिए। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन और उत्तरप्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ द्वारा गठित संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने अपनी मांगें मांगे न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। दोनों शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी और वसीम अहमद का कहना है कि सरकार को उनकी मांगों को मानना पड़ेगा। समायोजन रद होने से हजारों शिक्षामित्रों के सामने रोजीरोटी का संकट पैदा हो चुका है। अधिक उम्र के लोगों के सामने मरने मारने की स्थिति पैदा हो चुकी है। किसी भी सूरत में ‘शिक्षक’ पदनाम से समझौता नही किया जाएगा। सभा को अभिनव त्रिपाठी, मो. अख्तर, जनार्दन पांडेय, इकबाल बहादुर, सुनील तिवारी, अरूण सिंह, संदीप तिवारी, राकेश शुक्ल, विवेक मिश्र, कमलाकर सिंह, होरी लाल, संदीप तिवारी, सुरेंद्र चौधरी, वंदना सरोज आदि ने संबोधित किया।
21 अगस्त को लखनऊ में भरेंगे हुंकार : स्थानीय स्तर पर शिक्षामित्रों की मांगे न सुने जाने की स्थिति में 21 अगस्त को लखनऊ विधानसभा के सामने प्रदर्शन की बात कही है। शिक्षामित्रों का कहना है कि सरकार को अपने प्रदेश के 1.70 लोगों के भविष्य के संरक्षण की पहल करनी चाहिए। समायोजन को लेकर निर्णय अवश्य लिया जाना चाहिए।
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