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सड़क पर आए शिक्षामित्र, केंद्रीय मंत्री का किया घेराव

नौकरी की मांग को लेकर अब शिक्षामित्र सड़कों पर उतर आए है। शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को शहर में पदमार्च निकाला और पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का घेराव किया। शिक्षामित्र पद मार्च के दौरान करीब आधा घंटे तक कलक्ट्रेट के सामने हाईवे पर बैठे रहे।
इससे दो घंटे तक यातायात भी बधित रहा। सुप्रीम कोर्ट के समायोजन रद करने के फैसले के बाद से शिक्षामित्र शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर नौकरी की मांग कर रहे थे। अब शिक्षामित्रों ने सड़कों पर उतरकर उग्ररूप धारण कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। शिक्षामित्रों ने दो बजे तक बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। फिर पदमार्च निकालते हुए पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक के आवास पहुंच ज्ञापन दिया। इसके बाद कशमीरी चौक, लावेला चौक होकर कलक्ट्रेट पहुंचकर बरेली-मथुरा हाईवे पर बैठ गए। शिक्षामित्रों ने यहां पर नौकरी की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को ज्ञापन देने के लिए वहीं बुलाने की मांग पर अड़ गए। शिक्षामित्र आधा घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। करीब आधा घंटे बाद पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट राजकुमार द्विवेदी ने संघ के पदाधिकारियों को समझाया तो मान गए और पीडब्ल्यूडी की ओर रुख कर गए। यहां पर गेस्ट हाउस में पहले से मौजूद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का घेराव कर दिया। शिक्षामित्र गेस्ट हाउस बाहर बैठ गए और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। शिक्षामित्रों की मांग थी कि केंद्रीय मंत्री खुद बाहर निकलकर आए और ज्ञापन लें।मंत्री ने ज्ञापन लेने के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारी भेज दिए। शिक्षामित्रों ने एक न सुनी और ज्ञापन देने से मना कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। शिक्षामित्रों का रौद्र रूप देखते हुए केंद्रीय मंत्री बाहर निकले और शिक्षामित्रों से करीब पांच मिनट तक वार्ता कर ज्ञापन लिया। इसके बाद शिक्षामित्र सांसद धर्मेंद्र यादव के आवास की ओर चले गए, यहां उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन देकर फिर से बीएसए कार्यालय धरना स्थल पहुंचे। जहां रात भर धरना प्रदर्शन चलता रहा। कोतवाल ने दिखाई सूझबूझ जिस वक्त शिक्षामित्र कलक्ट्रेट के बाहर रोड पर बैठे थे, उसी समय केंद्रीय मंत्री का काफिला भी उधर आ रहा था। कोतवाल नरेश कुमार कश्यप ने सूझबूझ दिखाते हुए मंत्री का काफिला लालपुल से कोतवाली मार्ग की ओर घुमा दिया। इसके अलावा कोतवाल ने जाम लगता देख वाहनों को भी वापस करना शुरू कर दिया। टिप्पणी पर शिक्षामित्रों ने की पिटाई कलक्ट्रेट से निकल रहे एक युवक को शिक्षामित्रों पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया। युवक ने शिक्षामित्रों के समायोजन रद होने को लेकर टिप्पणी करना शुरू कर दी। इतने में शिक्षामित्र बौखला गए और युवक की जमकर धुनाई कर डाली। किसी तरह युवक ने भागकर बिजली घर में छुपकर जान बचाई। महिला शिक्षामित्रों ने दिखाया गुस्सा नौकरी जाने का गुस्सा तो सभी शिक्षामित्रों को है, लेकिन शुक्रवार को महिला शिक्षामित्रों ने गुस्सा देखने को मिला। महिला शिक्षामित्र सड़क पर बैठने के दौरान निकलने वाले प्रत्येक व्यक्ति परआक्रोशित हो रही थी। टल गया हादसा जिस समय शिक्षामित्र पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के बाहर केंद्रीय मंत्री का घेराव किए बैठे थे। उसी समय बिजली के पोल से स्पार्किंग होने लगी। गनीमत रही कि बिजली का तार टूटकर नहीं गिरा, नहीं तो हादसा हो सकता था। शिक्षामित्रों के हाथों में तिरंगा शिक्षामित्रों ने गले में भगवा गमछा और हाथों में तिरंगा लेकर पद मार्च निकाला। जिने शिक्षामित्रों के पास पहले से गमछा और तिरंगा नहीं थे, उन्होंने भी शुक्रवार को खरीद लिए। शिक्षामित्र लखनऊ धरना प्रदर्शन में भी हाथों में तिरंगा थामकर जाएंगे। ये रहे मौजूद निर्भान सिंह यादव, मृदलेश यादव, मनोज यादव, वर्षा भारती, लज्जावती, सीमा भारती, लक्ष्मण यादव, मुकेश कुमार, सुरजीत कुमार, नरेश पाल, शिब्दे अली, नीलम यादव, उर्मिला, मधुवाला, सुनील कुमार, बिल्ला, श्रीकृष्ण यादव, नरेशपाल, दामोदर, देवकरन, विनीत कुमार, अजयवीर सिंह, महेश, धर्मपाल, श्याम निवास, अमर सिंह, कुंवरपाल, अनेकपाल, दिनेश चौधरी, रविन्द्र सिंह, मुनेंद्र सिंह मौजूद रहे।

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