69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 4 फरवरी तक टली, लाखों अभ्यर्थियों की नजरें फैसले पर

69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 4 फरवरी तक टली, लाखों अभ्यर्थियों की नजरें फैसले पर

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लखनऊ/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अब 4 फरवरी को होगी। मंगलवार को यह मामला न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति अमस्तीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।


हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक

वर्ष 2018 में हुई 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 13 अगस्त 2024 को बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए तीन महीने में नई मेरिट सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे।

इस फैसले को सामान्य वर्ग के नियुक्त अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।


आरक्षित वर्ग की हस्तक्षेप याचिकाएं

इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जियां दाखिल की हैं। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए अंतरिम रोक का विरोध किया है। हालांकि अभी तक इन अर्जियों पर सुनवाई का क्रम नहीं आया है।


विवाद की असली वजह क्या है?

भर्ती नियमों के अनुसार—

  • सामान्य वर्ग के लिए पीटीआरआई में 65% अंक

  • आरक्षित वर्ग के लिए 60% अंक कटऑफ निर्धारित थी

  • शैक्षिक अंकों (हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीटीसी) का 40% वेटेज जोड़ा गया था

आरक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों के कुल अंक सामान्य वर्ग की मेरिट से अधिक हो गए, जिसके बाद उन्होंने खुद को सामान्य श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग की।


हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि—

  • यदि कोई अभ्यर्थी आयु या शुल्क में छूट लेता है, तो वह मेरिट में आने पर सामान्य वर्ग में समायोजित हो सकता है

  • लेकिन यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा में अंकों की छूट लेकर चयन प्रक्रिया में शामिल होता है, तो वह बाद में सामान्य वर्ग में शामिल होने का दावा नहीं कर सकता

इसी आधार पर हाईकोर्ट ने मेरिट सूची रद्द करने का आदेश दिया था।


अब आगे क्या होगा?

अब सुप्रीम कोर्ट में 4 फरवरी को होने वाली सुनवाई से यह तय होगा कि—

  • नई मेरिट लिस्ट बनेगी या नहीं

  • पहले से नियुक्त शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रहेगी या नहीं

लाखों अभ्यर्थियों की नजरें सुप्रीम कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी हुई हैं।