72825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा मामला वर्षों बाद भी चर्चा में है। यह सिर्फ एक सरकारी नौकरी का विवाद नहीं रह गया है, बल्कि UP TET, Bihar Teacher भर्ती और अन्य शिक्षक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख बन चुका है।
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय (25 जुलाई 2017)
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 25/07/2017 को राज्य सरकार द्वारा दाखिल अपील को स्वीकार करते हुए नियमावली के 15वें संशोधन (Academic Merit आधारित चयन) को वैध ठहराया।
न्यायालय के निर्णय के अनुसार:
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TET मेरिट के आधार पर नियुक्त लगभग 66,000 शिक्षकों की नियुक्तियाँ रद्द होने योग्य थीं
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लेकिन संविधान प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अंतरिम आदेश द्वारा उन्हें सेवा में बनाए रखा गया
66,000 शिक्षकों को मिली राहत का आधार
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि:
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चयन प्रक्रिया में कानूनी त्रुटियाँ थीं
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फिर भी मानवीय और दयालु दृष्टिकोण अपनाते हुए राहत दी गई
आज भी ये शिक्षक उसी अंतरिम आदेश के कारण कार्यरत हैं।
2017 के बाद जारी संघर्ष और सीख
2017 के बाद:
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हजारों अभ्यर्थी न्याय की उम्मीद में संघर्ष करते रहे
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कई बार निराशा हाथ लगी, फिर भी आंदोलन जारी रहा
यह स्थिति आज के युवाओं को यह सिखाती है कि केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर रहने के साथ-साथ आर्थिक योजना भी उतनी ही आवश्यक है।
सरकारी नौकरी के साथ आर्थिक सुरक्षा क्यों जरूरी?
लंबे कानूनी संघर्षों के दौरान:
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कई परिवारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा
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ऐसे समय में लोग Best personal loan interest rates की जानकारी,
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आज शिक्षक और सरकारी कर्मचारी भी:
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भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने लगे हैं
अवमानना वाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ओपन कोर्ट में स्पष्ट कहा:
“इन अवमानना वादों में ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है, जिससे राज्य सरकार के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।”
हालाँकि, न्यायालय ने यह संकेत भी दिया कि:
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यदि राज्य सरकार सकारात्मक रुख अपनाती है
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तो दयाभाव के आधार पर समाधान संभव हो सकता है
सरकार की भूमिका क्यों निर्णायक है?
न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि:
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याचिकाकर्ताओं के पास कानूनी मेरिट नहीं है
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समाधान पूरी तरह सरकार की इच्छा और नीति पर निर्भर है
सरकार को टारगेट करने वाली बयानबाजी:
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मामले को और कमजोर कर सकती है
यह स्थिति UP TET Admit Card, Result, Syllabus से जुड़ी अन्य भर्तियों में भी देखी जाती है।
22 जनवरी 2026 की सुनवाई क्यों अहम?
अगली सुनवाई 22/01/2026 को है।
इससे पहले जरूरी है कि:
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सभी संबंधित अभ्यर्थी
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विधायकों, सांसदों और माननीय मुख्यमंत्री के माध्यम से
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सरकार से सहृदयतापूर्वक सकारात्मक निर्णय लेने का अनुरोध करें
ताकि वही निर्णय न्यायालय के समक्ष रखा जा सके।
2016 और वर्तमान परिस्थितियों में अंतर
2016 में:
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B.Ed प्राथमिक शिक्षा के लिए मान्य था
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ATRE परीक्षा नहीं थी
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आयु और चयन नियम अलग थे
वर्तमान में:
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नियम बदल चुके हैं
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UP TET Syllabus, चयन प्रक्रिया और पात्रता अलग हो चुकी है
इसलिए अब कानूनी राहत की संभावना सीमित है।
निष्कर्ष
✔ 72825 शिक्षक भर्ती अब कानून से अधिक नीति और दया का विषय है
✔ यह मामला UP TET, Bihar Teacher भर्ती और अन्य सरकारी नौकरी अभ्यर्थियों के लिए चेतावनी है
✔ संघर्ष के साथ-साथ वित्तीय योजना भी जरूरी है
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✍️ — दुर्गेश प्रताप सिंह