गाजीपुर। जिले के 2266 परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और अनुचरों के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी गई है। आदेश जारी होते ही स्कूल शिक्षा विभाग के 10,000 से अधिक कार्मिक अब प्रतिदिन अपनी हाजिरी ऑनलाइन दर्ज करेंगे।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय हाईकोर्ट के निर्देशों और उसके बाद गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
हालाँकि शिक्षकों के विभिन्न संगठन इस नए आदेश को जल्दबाजी में लागू किया गया कदम बता रहे हैं और खुलकर आपत्ति जता रहे हैं।
“पहले मांगें पूरी हों, फिर ऑनलाइन हाजिरी लागू हो” — शिक्षक संगठन
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र यादव ने कहा कि शिक्षक काफी समय से कई मांगें उठाते आ रहे हैं, जिन पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
उनका स्पष्ट कहना है:
“जब तक लंबित मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक ऑनलाइन हाजिरी लागू करना उचित नहीं है। यदि शासन आदेश बिना समाधान लागू हुआ तो संगठन प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर आगे की रणनीति तय करेगा।”
जूनियर शिक्षक संघ भी इंतजार में, निर्देश मिलते ही करेंगे कार्रवाई
जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम यादव ने बताया कि अभी तक उन्हें प्रदेश स्तर से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा कि निर्देश मिलते ही अगली कार्रवाई तय की जाएगी।
डिजिटल हाजिरी का विरोध जारी
शिक्षक संगठनों का मानना है कि:
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डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव डालेगी
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तकनीकी समस्याएँ ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में परेशानी बढ़ा सकती हैं
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शासन को पहले पुराने मुद्दों और शिक्षकों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना चाहिए
संगठनों का यह भी कहना है कि तकनीकी परिवर्तन लागू करने से पहले मानवीय और प्रशासनिक चुनौतियों को समझना आवश्यक है, तभी यह व्यवस्था सफल हो सकेगी।
निष्कर्ष
गाजीपुर जिले में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू तो कर दी गई है, लेकिन शिक्षक समुदाय इससे सहमत नहीं दिख रहा।
अब आगे की स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार शिक्षकों की मांगों को किस तरह से संबोधित करती है और क्या संगठन इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा करते हैं या नहीं।