शिक्षकों के चयन वेतनमान की राह में कई रोड़े

सर्विस बुक ऑनलाइन होने के बावजूद ऑफलाइन मंगवाई जा रही, शिक्षक परेशान

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा पूरी करने पर चयन वेतनमान देने का प्रावधान है, लेकिन सैकड़ों शिक्षक पिछले कई महीनों से इसके लिए दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। हालात इतने खराब हैं कि प्रदेश के 140 से अधिक विकास खंडों में अब तक चयन वेतनमान की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है।

ऑनलाइन सर्विस बुक, फिर भी ऑफलाइन मांग

हालांकि शिक्षकों की सर्विस बुक ऑनलाइन उपलब्ध है, इसके बावजूद कई जिलों में शिक्षकों से ऑफलाइन सर्विस बुक जमा करने को कहा जा रहा है। इससे प्रक्रिया और अधिक जटिल हो गई है और शिक्षकों को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ रही है।

इस संबंध में जब शिकायत मुख्यालय तक पहुंची, तो कुछ जिलों में आदेशों में संशोधन किया गया, लेकिन कई जगह अब भी यह कहकर प्रक्रिया रोकी जा रही है कि सर्विस बुक अपडेट नहीं है

तीन महीने से नहीं निकला एक भी आदेश

शिक्षकों का कहना है कि कई जिलों में पिछले तीन महीनों से एक भी चयन वेतनमान का आदेश जारी नहीं हुआ है, जबकि 29334 और 72825 बैच के बड़ी संख्या में शिक्षक चयन वेतनमान के लिए पात्र हो चुके हैं।

हजारों शिक्षकों को हो रहा आर्थिक नुकसान

शिक्षक नेता निर्भय सिंह ने बताया कि लखनऊ, बाराबंकी और हरदोई जैसे जिलों में बहुत कम शिक्षकों को ही चयन वेतनमान का लाभ मिला है। इसकी वजह से हजारों शिक्षकों को हर महीने ₹2,500 से ₹5,000 तक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

विभाग ने दिए सख्त निर्देश

वहीं, विभाग का कहना है कि कई विकास खंडों में चयन वेतनमान की प्रक्रिया पूरी की जा रही है और कुछ जगहों पर आदेश जारी होने भी शुरू हो गए हैं।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने हाल ही में इस मामले में लापरवाही बरतने वाले बीईओ और बीएसए के साथ बैठक कर कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि इस महीने के अंत तक सभी योग्य शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ दिया जाए।

शिक्षक संगठनों में बढ़ी नाराजगी

यदि तय समय सीमा में प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो शिक्षक संगठनों में आक्रोश बढ़ सकता है, क्योंकि यह मामला सीधे शिक्षकों के वेतन, सम्मान और अधिकार से जुड़ा हुआ है।