यूपीपीएससी भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता की मांग, छात्रों का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

 प्रयागराज — उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को लेकर सोमवार को प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया। सुबह करीब 11 बजे सीमित संख्या में छात्र आयोग कार्यालय के बाहर जुटे, लेकिन दोपहर होते-होते आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में छात्र पहुंच गए।

भीड़ बढ़ते ही पुलिस सख्त, कई छात्र हिरासत में

छात्रों की संख्या बढ़ने पर पुलिस ने सख्ती शुरू की। जब कुछ छात्र आयोग परिसर की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में सभी छात्रों को रिहा कर दिया गया।

छात्र करीब पांच घंटे तक आयोग के गेट नंबर दो के बाहर डटे रहे। इस दौरान हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर जमकर नारेबाजी की गई।

क्या हैं छात्रों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि आयोग द्वारा भर्ती परीक्षाओं में गंभीर अनियमितताएं की जा रही हैं। छात्रों के अनुसार:

  • अंतिम परिणाम के बाद प्राप्तांक, श्रेणीवार कटऑफ और संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने की बात कही जाती है

  • लेकिन पीसीएस 2021, 2022 और 2023 के परिणाम घोषित होने के बावजूद यह जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई

  • इससे चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं

भारी पुलिस बल तैनात

स्थिति को देखते हुए मौके पर पीएसी, आरएएफ, कई थानों की पुलिस फोर्स, एसीपी स्तर के अधिकारी और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। पूरे क्षेत्र में गहमागहमी का माहौल बना रहा।

दो छात्र नेता नजरबंद, धमकी देने का आरोप

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता पंकज पांडेय और आशुतोष पांडेय को पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

  • आशुतोष पांडेय को मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वहीं नजरबंद किया गया

  • पंकज पांडेय को घर पर ही रोके जाने का आरोप लगाया गया

आशुतोष ने पुलिस प्रशासन पर धमकी देने का आरोप लगाया, जबकि पंकज ने कहा कि मंगलवार को आगे की आंदोलन रणनीति तय की जाएगी


एएमयू लॉ फैकल्टी में परीक्षा रद्द होने पर छात्रों का आक्रोश

अलीगढ़ — अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की लॉ फैकल्टी में परीक्षा को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। बीए एलएलबी की परीक्षा पुराने सत्र 2024-25 के प्रश्न पत्र पर करा दी गई, जिसकी जानकारी बाद में सामने आई।

परीक्षा रद्द, दोबारा कराने के आदेश से भड़के छात्र

गलती सामने आने के बाद डीन ने परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने के आदेश जारी कर दिए। इससे छात्र भड़क गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा छात्र क्यों भुगतें

देर रात तक चला धरना

सोमवार सुबह से बीए एलएलबी के छात्र-छात्राएं लॉ फैकल्टी पहुंचे और प्रदर्शन शुरू कर दिया। जब डीन फैकल्टी ने छात्रों का आवेदन लेने से इनकार किया तो छात्रों ने फैकल्टी का गेट बंद कर धरना शुरू कर दिया। यह धरना देर रात तक जारी रहा।

छात्रों का आरोप है कि:

  • 10 दिन पहले कराई गई परीक्षा को अचानक रद्द कर दिया गया

  • दोबारा परीक्षा देना उन्हें मंजूर नहीं है

मंगलवार को वीसी से मुलाकात

मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) ने छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया है। छात्र अब वीसी के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।