Primary Ka Master News: वर्षों से प्रशासनिक असमंजस का सामना कर रहे 33 परिषदीय विद्यालयों को आखिरकार नगरीय संवर्ग (Urban Area) में शामिल कर लिया गया है। नगर निगम सीमा विस्तार के बावजूद
ग्रामीण व नगरीय स्थिति स्पष्ट न होने से प्रभावित ये विद्यालय अब पूरी तरह नगर क्षेत्र के अंतर्गत संचालित होंगे। इस फैसले को प्राथमिक शिक्षकों और संगठनों की बड़ी जीत माना जा रहा है।🔔 क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2019 में नगर निगम गोरखपुर की सीमा का विस्तार किया गया था। इस दौरान:
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चरगांवा और खोराबार क्षेत्र की
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32 राजस्व ग्राम सभाओं
को नगर निगम में शामिल किया गया।
लेकिन इन ग्राम सभाओं में संचालित 33 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को:
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न तो पूरी तरह ग्रामीण माना गया
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न ही नगरीय संवर्ग में शामिल किया गया
➡️ इससे विद्यालयों की स्थिति वर्षों तक अस्पष्ट (Confusion) बनी रही।
🏫 33 परिषदीय विद्यालयों को क्या नुकसान हुआ?
इस प्रशासनिक असमंजस का सीधा असर पड़ा:
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❌ विकास कार्य रुके
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❌ मरम्मत व निर्माण में बाधा
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❌ ग्राम प्रधान जिम्मेदारी से बाहर
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❌ नगर पार्षद अधिकार क्षेत्र से बाहर
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❌ फंड और योजनाओं का लाभ नहीं मिला
➡️ स्कूल ना गांव के रहे, ना शहर के
✊ शिक्षकों और संगठनों का संघर्ष
पिछले तीन वर्षों से:
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प्राथमिक शिक्षक
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शिक्षक संगठन
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बेसिक शिक्षा से जुड़े पदाधिकारी
लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे।
✔️ ज्ञापन
✔️ पत्राचार
✔️ आंदोलनात्मक प्रयास
आखिरकार सरकार और प्रशासन को स्पष्ट निर्णय लेना पड़ा।
✅ अब क्या बदलेगा? (Big Relief for Teachers)
33 परिषदीय विद्यालयों को नगरीय क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद:
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✔️ प्रशासनिक नियंत्रण नगर क्षेत्र से
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✔️ शैक्षणिक योजनाओं का लाभ
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✔️ नगरीय विकास निधि उपलब्ध
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✔️ इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार की संभावना
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✔️ शिक्षकों को ट्रांसफर/सेवा संबंधी स्पष्टता
➡️ शिक्षकों ने इसे लंबे संघर्ष की जीत बताया है।
📌 शासनादेश के बावजूद क्यों हुई देरी?
नगर विकास विभाग द्वारा पहले ही:
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शासनादेश जारी किया जा चुका था
लेकिन:
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विभागीय समन्वय की कमी
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जिम्मेदारी तय न होना
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स्थानीय स्तर पर निर्णय लंबित रहना
➡️ इसी कारण वर्षों तक मामला लटका रहा।
🗣️ शिक्षकों की प्रतिक्रिया
शिक्षकों का कहना है:
“अब जाकर वर्षों से चला आ रहा असमंजस खत्म हुआ है।
इससे विद्यालयों के विकास के साथ-साथ
शिक्षकों और छात्रों – दोनों को लाभ मिलेगा।”
🔎 FAQs – Primary Ka Master News
❓ कितने विद्यालय नगरीय क्षेत्र में शामिल हुए?
👉 कुल 33 परिषदीय विद्यालय
❓ किस नगर निगम से जुड़ा मामला है?
👉 नगर निगम गोरखपुर
❓ कब से चल रहा था विवाद?
👉 2019 से
❓ क्या यह शिक्षकों के लिए लाभकारी है?
👉 ✔️ हां, प्रशासनिक और विकास दोनों स्तर पर
📝 निष्कर्ष (Conclusion)
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वर्षों का प्रशासनिक असमंजस समाप्त
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33 परिषदीय विद्यालय नगरीय संवर्ग में शामिल
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शिक्षकों और संगठनों की संघर्षपूर्ण जीत
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अब विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद
👉 यह फैसला प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने वाला साबित होगा।