लखनऊ। प्रदेश में शिक्षकों विहीन और एकल शिक्षक वाले विद्यालयों को समाप्त करने के लिए चलाए गए अभियान के बावजूद केंद्रीय पोर्टल पर डेटा अपडेट न होने से बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कई ऐसे विद्यालय, जहां शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है, वहां अब भी शिक्षक संख्या शून्य या एकल दिखाई दे रही है।
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब मानव संपदा पोर्टल और यू-डायस (UDISE+) पोर्टल के डेटा मिलान का निर्णय लिया है।
अभियान से खत्म हुए थे करीब 9 हजार शिक्षकविहीन स्कूल
प्रदेश में पहले लगभग 9 हजार विद्यालय शिक्षकों विहीन या एकल शिक्षक वाले थे। विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की गई।
लेकिन जिलों स्तर पर मानव संपदा पोर्टल पर डेटा अपडेट न होने के कारण केंद्रीय रिकॉर्ड में अब भी ये विद्यालय शिक्षकविहीन दिख रहे हैं।
तीन शैक्षिक सत्रों के डेटा की होगी जांच
बेसिक शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि—
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सत्र 2023-24
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सत्र 2024-25
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सत्र 2025-26
में जिन विद्यालयों को शून्य या एकल शिक्षक वाला दिखाया गया है, उनकी सत्यापन के साथ विस्तृत जांच कराई जाएगी।
इन जिलों में होगा भौतिक सत्यापन
राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार—
बहराइच, बलरामपुर, खीरी (लखीमपुर) और शाहजहांपुर में विद्यालयों की संख्या अधिक होने के कारण वहां भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
इसके लिए—
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प्रिंसिपल
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शिक्षक
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संकुल समन्वयक
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एआरपी
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बीईओ
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खंड शिक्षा अधिकारी
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डीसी प्रशिक्षण
की संयुक्त कमेटी गठित की जाएगी।
दो सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट
सभी संबंधित कमेटियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे—
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विद्यालयों का स्थलीय सत्यापन
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मानव संपदा और यू-डायस डेटा का मिलान
करते हुए दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजें।
रिपोर्ट के आधार पर आगे डेटा सुधार और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
क्यों जरूरी है डेटा सुधार?
गलत डेटा के कारण—
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शिक्षक तैनाती
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नई भर्तियां
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शैक्षिक योजनाएं
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केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट
सीधे प्रभावित होती हैं। विभाग का मानना है कि डेटा सुधार के बाद वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी।