लखनऊ। प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2025-26 के दौरान यू-डायस (UDISE+) और मानव संपदा पोर्टल के आंकड़ों में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। कई ऐसे विद्यालय, जहां पिछले वर्षों में तैनाती, स्थानांतरण और नई भर्ती के माध्यम से शिक्षक भेजे जा चुके हैं, उन्हें अब भी शून्य या एकल शिक्षक विद्यालय के रूप में दर्शाया जा रहा है। इस विसंगति को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने विस्तृत जांच के आदेश जारी किए हैं।
तीन शैक्षिक सत्रों के डाटा की होगी विद्यालयवार जांच
विभागीय आदेश के अनुसार यू-डायस डाटा के आधार पर सत्र 2023-24, 2024-25 और 2025-26 में जिन विद्यालयों को शून्य या एकल शिक्षक वाला चिह्नित किया गया है, उनकी विद्यालयवार जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान यू-डायस और मानव संपदा पोर्टल के आंकड़ों का आपस में मिलान किया जाएगा, ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके।
विशेष जांच टीम गठित
इस कार्य के लिए विशेष अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है, जिसमें—
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आनन्द प्रकाश शुक्ला
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आकांक्षा रावत
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मनवीर कुमार
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सुनील कुमार पटेल
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खंड शिक्षा अधिकारी सावित्री शुक्ला
को शामिल किया गया है। यह टीम बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, लखीमपुर खीरी और शाहजहांपुर जिलों के चयनित विद्यालयों की स्थलीय और अभिलेखीय जांच करेगी।
बीएसए से भी ली जाएगी रिपोर्ट
जांच के दौरान संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) से भी विस्तृत रिपोर्ट ली जाएगी। डाटा में गड़बड़ी के कारणों, अद्यतन न होने की स्थिति और जिम्मेदारी तय करने पर भी फोकस किया जाएगा।
एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश
विभाग ने सभी नामित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट और तथ्यात्मक रिपोर्ट विभाग को सौंपें, ताकि डाटा सुधार की प्रक्रिया जल्द पूरी की जा सके और योजनाओं व शिक्षक तैनाती पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
निष्कर्ष:
यू-डायस और मानव संपदा पोर्टल के गलत आंकड़े न केवल शैक्षिक योजना और शिक्षक तैनाती को प्रभावित करते हैं, बल्कि नीति निर्धारण में भी बाधा बनते हैं। विभागीय जांच के बाद डाटा सुधार की दिशा में ठोस कार्रवाई होने की उम्मीद की जा रही है।