एडेड कॉलेज शिक्षकों की सेवा सुरक्षा पर बवाल, विधान परिषद में उठा गंभीर मुद्दा

Lucknow Vidhan Parishad News:

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एडेड कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस देखने को मिली। नियम 105 के तहत शिक्षक दल के नेता ध्रुव त्रिपाठी ने नए शिक्षा सेवा चयन आयोग में शिक्षकों के अधिकारों में की गई कटौती का मुद्दा सदन में जोरदार तरीके से उठाया।


धारा 18 और 21 हटने से बढ़ा शिक्षकों का उत्पीड़न

ध्रुव त्रिपाठी ने कहा कि नए शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में पहले से मौजूद धारा 18 और 21 को हटा दिया गया है, जो शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से सीधे जुड़ी थीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन धाराओं के हटने से एडेड कॉलेज शिक्षकों का उत्पीड़न बढ़ गया है और उन्हें अब न्याय नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि नियमों के अनुसार जिस अधिकारी द्वारा नियुक्ति की जाती है, उसी को जांच और दंड देने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन वर्तमान व्यवस्था इसके विपरीत है।


मंत्री गुलाब देवी का जवाब, विपक्ष असंतुष्ट

इस पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने सदन को बताया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के निरस्त होने के बाद अब डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) को दंड और पदोन्नति से जुड़े अधिकार दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई शिक्षक डीआईओएस के निर्णय से असंतुष्ट है तो वह संयुक्त निदेशक शिक्षा के पास अपील कर सकता है।

हालांकि, मंत्री के जवाब से शिक्षक दल के नेता ध्रुव त्रिपाठी और नेता प्रतिपक्ष लाल विहारी यादव संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने इसे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ बताया।


भ्रम फैलाने के आरोप, समिति में होगी चर्चा

इस दौरान एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा ने इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने के आरोप लगाए।
वहीं विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि जल्द ही नेता सदन की अध्यक्षता वाली समिति में इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।


अवैध घुसपैठ और मदरसों की जांच का मुद्दा भी उठा

विधान परिषद में नियम 110 के तहत भाजपा सदस्य विजय बहादुर पाठक ने अवैध घुसपैठ के मामलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने मदरसों में सघन जांच की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आजमगढ़ में जांच के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति की उपस्थिति दिखाई गई, जबकि वह उस समय ब्रिटेन में रह रहा था


बायोमैट्रिक हाजिरी में फर्जीवाड़े के आरोप

विजय बहादुर पाठक ने यह भी कहा कि मदरसों में बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था होने के बावजूद कई स्थानों पर फर्जीवाड़े के रास्ते निकाल लिए गए हैं
उन्होंने हाल ही में लखनऊ में फिलीपींस के एक नागरिक के नदवा हॉस्टल में अवैध रूप से रुकने का मामला भी उठाया।


निष्कर्ष

विधान परिषद में उठे ये मुद्दे शिक्षा व्यवस्था, शिक्षक अधिकारों और सुरक्षा से सीधे जुड़े हैं।
एक ओर जहां एडेड कॉलेज शिक्षकों की सेवा सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर अवैध घुसपैठ और मदरसों की निगरानी को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में समिति की बैठक के बाद इस पर बड़ा फैसला संभव है।

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