फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे शिक्षक पर FIR, ₹42 लाख वेतन वसूली का आदेश | Azamgarh Teacher Fake Degree News

 उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से शिक्षा विभाग को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक सहायक अध्यापक पर फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का आरोप सिद्ध होने के बाद FIR दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही, शिक्षक से अब तक मिले ₹42 लाख से अधिक वेतन की वसूली भी की जाएगी।

यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई है।


पूरा मामला क्या है? (Azamgarh Fake Degree Teacher Case)

आजमगढ़ के मुबारकपुर क्षेत्र स्थित
काशी पूर्व माध्यमिक विद्यालय, हाजीपुर बम्हौर में तैनात सहायक अध्यापक रामाश्रय यादव ने नियुक्ति के समय मध्य प्रदेश के केशरवानी विद्यापीठ, जबलपुर से बीएड डिग्री प्रस्तुत की थी।

जांच में यह सामने आया कि—

  • प्रस्तुत की गई बीएड डिग्री अमान्य / फर्जी है

  • संबंधित संस्था मान्यता प्राप्त नहीं थी

  • शिक्षक ने गलत दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की


क्या-क्या कार्रवाई हुई? (Action Taken by Education Department)

शिक्षा विभाग द्वारा निम्नलिखित कड़ी कार्रवाई की गई—

✅ 1. सेवा समाप्त

  • शिक्षक की सरकारी सेवा समाप्त (बर्खास्त) कर दी गई

✅ 2. वेतन वसूली

  • अब तक लिए गए ₹42,31,908 रुपये की
    👉 रिकवरी नोटिस जारी

✅ 3. FIR दर्ज करने के आदेश

  • खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) ने
    👉 मुबारकपुर थाने में FIR दर्ज कराने का निर्देश दिया


किन धाराओं में दर्ज हो सकता है मुकदमा?

फर्जी डिग्री और सरकारी नौकरी से जुड़े मामलों में आमतौर पर ये धाराएँ लगती हैं—

  • IPC धारा 420 – धोखाधड़ी

  • IPC धारा 467, 468 – फर्जी दस्तावेज

  • IPC धारा 471 – फर्जी दस्तावेज का उपयोग

  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (यदि लागू हुआ)

👉 सजा में जेल + जुर्माना दोनों संभव हैं।


शिक्षा विभाग के लिए सख्त संदेश

यह मामला उन सभी शिक्षकों और अभ्यर्थियों के लिए चेतावनी है जो—

  • फर्जी डिग्री

  • अमान्य संस्थानों

  • शॉर्टकट से सरकारी नौकरी

का सहारा लेते हैं।

सरकार और न्यायालय अब ऐसे मामलों में Zero Tolerance Policy अपना रहे हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

आजमगढ़ का यह मामला साफ दिखाता है कि—

  • फर्जी डिग्री से नौकरी स्थायी नहीं होती

  • देर-सवेर जांच और कार्रवाई तय है

  • न केवल नौकरी जाएगी बल्कि कमाई हुई पूरी रकम वापस लेनी पड़ेगी

👉 इसलिए अभ्यर्थियों को चाहिए कि केवल मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय और सही दस्तावेजों के आधार पर ही आवेदन करें।

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