'शिष्टा' के दुश्मन बने शिक्षा के मित्र,समायोजन बहाली को किसी भी हद तक जाने को तैयार

संवाद सहयोगी, हाथरस : जो शिक्षक स्कूलों में बच्चों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते नजर आते थे, वह अब सड़कों पर नियमों व कानून की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।
अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार हैं। समायोजन रद होने के बाद से शिक्षामित्रों का आंदोलन अब आम लोगों के लिए भी परेशानी बन गया है। शुक्रवार को शिक्षामित्रों ने तालाब चैराहा पर जमकर हंगामा काटा। इस कारण नेशनल हाईवे-93 व स्टेट हाइवे-33 पर यातायात प्रभावित रहा। दोपहर से देर शाम तक लोग जाम से जूझते रहे। यहां तक कि मुख्यमंत्री का पुतला दहन हुआ, लेकिन पुलिस नजर नहीं आई। कारण ये था कि शिक्षामित्रों ने ऐसे किसी आंदोलन के लिए अनुमति ली थी।
सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्रों के होने के कारण चारों मार्गो पर यातायात बाधित हो गया। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने सिविल पुलिस को सूचना भी दी, लेकिन कोई पुलिस कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। पुलिस के न होने के कारण इन्हें रोका नहीं जा सका। इसके बाद मथुरा रोड पर पैदल जुलूस निकाला गया। इस जुलूस के कारण वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त थी, इसलिए भी मौके पर नहीं पहुंची। यातायात व्यवस्था पटरी पर लाने में ट्रैफिक पुलिस के पसीने छूट गए।
इनका कहना है
शिक्षामित्रों ने आंदोलन की कोई अनुमति नहीं ली थी। सरकार का पुतला दहन करना भी गलत है। पुतला दहन कर कानून व्यवस्था को चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
डॉ. अरविंद कुमार, एएसपी

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