बेसिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया फरमान, नहीं मानने पर होगी गुरुजी पर कार्रवाई
गंभीर परिस्थितियों में किया जाए मोबाइल का प्रयोग
संभल। स्कूल समय में मोबाइल फोन का प्रयोग गंभीर परिस्थितियों में किया जाएगा। स्कूल मैनेजमेंट, प्रिंसिपल, कोआर्डिनेटर की जिम्मेदार होगी कि वह शिक्षकों व छात्र छात्राओं पर निगरानी रखें तथा किसी अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर उसे गंभीरता से ले तथा सख्ती से पेश आएं।
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गंभीर परिस्थितियों में किया जाए मोबाइल का प्रयोग
संभल। स्कूल समय में मोबाइल फोन का प्रयोग गंभीर परिस्थितियों में किया जाएगा। स्कूल मैनेजमेंट, प्रिंसिपल, कोआर्डिनेटर की जिम्मेदार होगी कि वह शिक्षकों व छात्र छात्राओं पर निगरानी रखें तथा किसी अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर उसे गंभीरता से ले तथा सख्ती से पेश आएं।
अमर उजाला ब्यूरो
संभल। गुरु शिष्य परंपरा की मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रदेश शासन ने गुरुजनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक ने फरमान जारी करके शिक्षकों को अपने छात्र-छात्राओं से फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया साइट्स पर दोस्ती करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकारी, गैर सरकारी शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए ऐसा किया गया है। आदेशों का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
गुरु जी अब अपने ही विद्यार्थियों से फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर फ्रेंड्सशिप साझा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि उन्हें अपने छात्र छात्राओं से फेसबुक या ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया साइट्स पर दोस्ती करने से मना किया गया है। सरकारी, गैर सरकारी सभी माध्यम के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के साथ शारीरिक व मानसिक शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रदेश शासन ने स्कूल की अनुमति के बगैर शिक्षक या कर्मचारी को बच्चों से सोशल मीडिया पर संपर्क नहीं रखने की हिदायत दी है।
बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने 27 फरवरी को जारी आदेश में कहा हैकि सोशल साइट्स या मीडिया की अच्छाई बुराई के संबंध में और इसके संभावित परिणामों से महीने में कम से कम एक बार बच्चों को बताया जाए। जरूरी नहीं होने तक कोई भी शिक्षक या कर्मचारी बच्चों को ई-मेल या फोन नहीं करेगा।
आदेश तो अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन आदेश मिलने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के फोन पर तो पाबंदी लगाई जाएगी, क्योंकि इससे बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
-सतेंद्र कुमार ढाका बेसिक शिक्षाधिकारी, संभल
संभल। गुरु शिष्य परंपरा की मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रदेश शासन ने गुरुजनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक ने फरमान जारी करके शिक्षकों को अपने छात्र-छात्राओं से फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया साइट्स पर दोस्ती करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकारी, गैर सरकारी शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए ऐसा किया गया है। आदेशों का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
गुरु जी अब अपने ही विद्यार्थियों से फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर फ्रेंड्सशिप साझा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि उन्हें अपने छात्र छात्राओं से फेसबुक या ट्विटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया साइट्स पर दोस्ती करने से मना किया गया है। सरकारी, गैर सरकारी सभी माध्यम के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के साथ शारीरिक व मानसिक शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रदेश शासन ने स्कूल की अनुमति के बगैर शिक्षक या कर्मचारी को बच्चों से सोशल मीडिया पर संपर्क नहीं रखने की हिदायत दी है।
बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने 27 फरवरी को जारी आदेश में कहा हैकि सोशल साइट्स या मीडिया की अच्छाई बुराई के संबंध में और इसके संभावित परिणामों से महीने में कम से कम एक बार बच्चों को बताया जाए। जरूरी नहीं होने तक कोई भी शिक्षक या कर्मचारी बच्चों को ई-मेल या फोन नहीं करेगा।
आदेश तो अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन आदेश मिलने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के फोन पर तो पाबंदी लगाई जाएगी, क्योंकि इससे बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
-सतेंद्र कुमार ढाका बेसिक शिक्षाधिकारी, संभल
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