कानपुर। प्रदेश सरकार की ओर से राज्य कर्मचारियों के लिए अधिकतम 3500
रुपये बोनस भुगतान के आदेश को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ बताया है। कहा कि 15
दिन का बोनस तो जीपीएफ में जमा हो जाएगा। बाकी से परिवार में सभी लोगों के
लिए कपड़े तक भी नहीं आ पाएंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी बोले, जो बोनस अराजपत्रित कर्मचारियों को दिया जाता है, इसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा लिपिक वर्ग शामिल होता है। आदेश के मुताबिक, बोनस की अधिकतम सीमा 3500 रुपये है, जो 30 दिन के लिए दिया जा रहा है। इसमें से कर्मचारियों के हाथ महज 1100 से लेकर 1727 रुपये ही आएंगे। बाकी जीपीएफ में जमा हो जाएगा। उधर, कंफेडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज एंड वेलफेयर के महासचिव शरद प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारी बोनस की सीलिंग लिमिट 3500 (केंद्रीय कर्मचारियों के लिए) हटाने की मांग लगातार की जा रही है।
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