दोस्तों अब छुट्टी बीत गयी आज Saturday को सुप्रीम कोर्ट भी बंद रहेगा संघ
की तरफ से mhrd or ncte से लैटर के सम्बन्ध में भी कोशिस जारी है। मगर कुछ
रूख समझ नहीं आ रहा है।16 तारीख से
वनारस में प्रधानमंत्री कार्यालय पर मंडलवार अनिश्चितकालीन धरना भी सुरु है।
मगर सबसे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री जी तो ब्रिटेन के दौरे पर है। तब अब हमारी कौन सुनेगा क्या mhrd लैटर जारी करेगा।बड़ा सवाल?
मुझे लगता है कि कही न कही हमारे नेता mhrd or ncte से ही धोखा खा गए हम बड़ी जल्द ncte की बात मान गए ।
लेकिन मैं कहना चाहता हूँ की mhrd or ncrt दोनों साफ साफ सुन लो ।
1÷अगर हमारे मामले में कोर्ट से हमें न्याय नहीं मिला तो 170000 चिताएं mhrd or ncte कार्यालय के बाहर ही भारत सरकार तुमको ही अपने हाथ से जलाना पड़ेगा।
2÷तुम्हारी यह दोहरी नीती हम नहीं चलने देंगे उत्तराखंड टी इ टी से छूट हमको क्यों नहीं?
3÷हम नियम कानून नहीं जानते की क्या है मगर ये बताओ की अगर नियमो में गलती थी तो किसने नियम बनाये शिक्षामित्रों के 15 साल की जवानी का हिसाब कौन देगा।
4÷मेरा कोर्ट से भी सवाल है की यदि शिक्षामित्र की नियुक्ति गलत थी तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने उस समय ही स्वतः संज्ञान में ले कर क्यों नहीं रोक दिया गया 2 साल वेतन देने के बाद अब रोक लगाने का क्या औचित्य?
5÷यही काम यदि रोक लगाने का काम खुद ncte or mhrd भी स्वतः संज्ञान ले कर सकती थी मगर नहीं किया बल्कि आँख मूंद क़र देखती रही क्यों?
6÷59 शिक्षामित्र ने इस बात को नहीं सहन कर पाये और देश समाज और लाचारी के कारण मौत को गले लगा लिया । क्या उन मौतों का कोई भी जिम्मेवार नहीं?
दोस्तों मेरा लिखने का केवल मकशद इतना है कि मै भारत की सरकार और सुप्रीम कौर्ट को यह बताना चाहता हूँ कि आप लोग आँख मूंद कर 170000 शिक्षामित्र के भाग्य का फैसला नहीं लिख सकते क्योंकि शिक्षामित्र के पास खोने के लिए अब कुछ बचा नहीं है। इस फैसले का असर इनकी आने वाली पिढीयो पर पड़ेगा।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मगर सबसे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री जी तो ब्रिटेन के दौरे पर है। तब अब हमारी कौन सुनेगा क्या mhrd लैटर जारी करेगा।बड़ा सवाल?
मुझे लगता है कि कही न कही हमारे नेता mhrd or ncte से ही धोखा खा गए हम बड़ी जल्द ncte की बात मान गए ।
लेकिन मैं कहना चाहता हूँ की mhrd or ncrt दोनों साफ साफ सुन लो ।
1÷अगर हमारे मामले में कोर्ट से हमें न्याय नहीं मिला तो 170000 चिताएं mhrd or ncte कार्यालय के बाहर ही भारत सरकार तुमको ही अपने हाथ से जलाना पड़ेगा।
2÷तुम्हारी यह दोहरी नीती हम नहीं चलने देंगे उत्तराखंड टी इ टी से छूट हमको क्यों नहीं?
3÷हम नियम कानून नहीं जानते की क्या है मगर ये बताओ की अगर नियमो में गलती थी तो किसने नियम बनाये शिक्षामित्रों के 15 साल की जवानी का हिसाब कौन देगा।
4÷मेरा कोर्ट से भी सवाल है की यदि शिक्षामित्र की नियुक्ति गलत थी तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने उस समय ही स्वतः संज्ञान में ले कर क्यों नहीं रोक दिया गया 2 साल वेतन देने के बाद अब रोक लगाने का क्या औचित्य?
5÷यही काम यदि रोक लगाने का काम खुद ncte or mhrd भी स्वतः संज्ञान ले कर सकती थी मगर नहीं किया बल्कि आँख मूंद क़र देखती रही क्यों?
6÷59 शिक्षामित्र ने इस बात को नहीं सहन कर पाये और देश समाज और लाचारी के कारण मौत को गले लगा लिया । क्या उन मौतों का कोई भी जिम्मेवार नहीं?
दोस्तों मेरा लिखने का केवल मकशद इतना है कि मै भारत की सरकार और सुप्रीम कौर्ट को यह बताना चाहता हूँ कि आप लोग आँख मूंद कर 170000 शिक्षामित्र के भाग्य का फैसला नहीं लिख सकते क्योंकि शिक्षामित्र के पास खोने के लिए अब कुछ बचा नहीं है। इस फैसले का असर इनकी आने वाली पिढीयो पर पड़ेगा।
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