मा० सर्वोच्च न्यायालय समेत किसी भी न्यायालय की स्थपाना का मुख्य उद्देश्य
विधि के अनुरूप न्याय प्रदान करना हैं, न्याय देने के लिए वादी व
प्रतिवादी को स्वयं को विधिके अनुरूप सिद्ध करने का सम्पूर्ण मौका दिया
जाता हैं!
जब शिक्षामित्रों के अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उनका पक्ष सुनने की याचना की तो मा० सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय के सिद्धांत का अनुकरण करते हुए सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित करते हुए उच्च न्यायालय के समस्त वादी-प्रतिवादी को नोटिस भेजकर सूचित करने हेतु सरकार को निर्देशित किया! एवं जिस प्रकार मुम्बई गोलीकांड के दोषी अजमल कसाब को विधि के अनुसार दोषी सिद्ध हो जाने तक फांसी पर नहीं लटकाया उसी प्रकार शिक्षामित्रों के अधिवक्ता श्रीमान पी० चिदंबरम जी की याचना पर शिक्षामित्रों को अगली सुनवाई तक मा०उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेशों के प्रभाव को अगली सुनवाई तक स्थगित कर रखा हैं!
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