इलाहाबाद (ब्यूरो)। अपने चुनावी वादे के तहत समाजवादी पार्टी ने
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का मानदेय देने की घोषणा की
थी। सरकार गठन के लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद भी शिक्षकों को मानदेय
नहीं मिल सका है। माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं निदेशक माध्यमिक के बार-बार
चेतावनी के बाद भी वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य मानदेय
पाने वाले शिक्षकों के नाम नहीं भेज रहे
हैं।
प्रबंधकों एवं अधिकारियों की आपसी सहमति के कारण नाम नहीं भेजने पर किसी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधन ने अपनी पहुंच के बल पर शिक्षा अधिकारियों को भी प्रभावित कर रखा है। वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक में अधिकारी, नेता एवं मंत्रियों के शामिल होने के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक भी इन पर दबाव नहीं बना पा रहे हैं। यही वजह है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद शिक्षकों के बारे में जानकारी नहीं भेजी गई। उत्तर प्रदेश वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ ने 2015 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के समय बहिष्कार किया था। इसके बाद सरकार ने जनवरी 2016 से वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने की घोषणा कर दी है। विद्यालय प्रबंधन एवं अधिकारियों के हीलाहवाली के कारण नए साल में वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय मिलना संभव नहीं लग रहा है।
वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधन ने नहीं भेजे मानदेय पाने वाले शिक्षकों के नाम
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प्रबंधकों एवं अधिकारियों की आपसी सहमति के कारण नाम नहीं भेजने पर किसी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधन ने अपनी पहुंच के बल पर शिक्षा अधिकारियों को भी प्रभावित कर रखा है। वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक में अधिकारी, नेता एवं मंत्रियों के शामिल होने के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक भी इन पर दबाव नहीं बना पा रहे हैं। यही वजह है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद शिक्षकों के बारे में जानकारी नहीं भेजी गई। उत्तर प्रदेश वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ ने 2015 बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के समय बहिष्कार किया था। इसके बाद सरकार ने जनवरी 2016 से वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने की घोषणा कर दी है। विद्यालय प्रबंधन एवं अधिकारियों के हीलाहवाली के कारण नए साल में वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय मिलना संभव नहीं लग रहा है।
वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधन ने नहीं भेजे मानदेय पाने वाले शिक्षकों के नाम
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