शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट में जिस दांव से राहत मिली, अब उसी दांव से उन्हें मात देने की तैयारी : दो लाख से अधिक युवा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगें याचिका
इलाहाबाद : शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट में जिस दांव से
राहत मिली, अब उसी दांव से उन्हें मात देने की तैयारी है। सर्वोच्च
न्यायालय में यह साबित करने के लिए कि जितने शिक्षामित्रों को सरकार ने
नौकरी दी है
उससे अधिक योग्य टीईटी पास युवा सड़क पर भटकने को मजबूर हैं,
टीईटी उत्तीर्ण युवाओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बड़े पैमाने पर याचिकाएं
दाखिल की जाएंगी।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी शिक्षामित्रों के समायोजन का विरोध
कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि यदि शिक्षामित्र शिक्षक बन गए तो उनके हाथ
से बड़ा मौका निकल जाएगा। उनका तर्क है कि टीईटी उत्तीर्ण होने के कारण वे
शिक्षक बनने के हकदार हैं जबकि राज्य सरकार को शिक्षामित्रों को टीईटी से
छूट देने का कोई अधिकार नहीं है। अपनी इसी दलील के दम पर उन्होंने हाई
कोर्ट से शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहरवाया था। अब जबकि सुप्रीम
कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है तो टीईटी संघर्ष
मोर्चा के बैनर तले टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी शीर्ष अदालत में अपना पक्ष
रखने के लिए कमर कस रहे हैं।
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