लखनऊ (ब्यूरो)। आरटीआई एक्ट के इस्तेमाल से एक शिक्षक दंपती
के दोहरे एचआरए का लाभ लेने का खुलासा हुआ। इस पर राज्य सूचना आयोग के सख्त
रुख पर बेसिक शिक्षा विभाग ने दोहरे लाभ के तहत ली गई धनराशि को सरकारी
खजाने में जमा करवाया।
आगरा के भीम सिंह सागर ने मुरादाबाद के वित्त व लेखाधिकारी
बेसिक शिक्षा से पूछा था कि क्या बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में
कार्यरत पति-पत्नी दोनों को आवास भत्ता (एचआरए) दिया जा सकता है। निर्धारित
30 दिन के भीतर सूचना न मिलने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा
खटखटाया। इस पर राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने वित्त व लेखाधिकारी को
सूचना उपलब्ध कराने के आदेश दिया व आदेश का पालन न करने पर दंड लगाने की
चेतावनी भी दी।
वित्त व लेखाधिकारी ने आयोग को बताया कि जिले में दोहरे एचआरए
का सिर्फ एक मामला सामने आया है। इसमें शकुंतला देवी पत्नी हर प्रसाद,
सहायक अध्यापक कन्या विद्या प्रसार जूनियर हाईस्कूल ने मार्च 2010 से
अप्रैल 2011 के बीच नियमों में न आते हुए भी आवास भत्ता लिया। उनसे 1 लाख
40 हजार रुपया सरकारी खजाने में जमा करवा लिया गया है। उधर, राज्य सूचना
आयुक्त ने सूचना न देने वाले 12 जन सूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये
जुर्माना लगाया है। इनमें रामपुर के नगर मजिस्ट्रेट, चांदपुर (बिजनौर) के
एसडीएम व जिला प्रबंधक, उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आवश्यक वस्तु निगम
(बिजनौर) आदि प्रमुख हैं।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती गन्दे काम -->> Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC