नई दिल्ली : बारहवीं की परीक्षा के बाद ही छात्रों के पास डॉक्टर और इंजीनियर के अलावा पेशेवर शिक्षक बनने का भी मौका होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय इस साल से चार वर्षीय शिक्षक डिग्री कोर्स शुरू कर रहा है। इसे करने के बाद सीधे अध्यापक के रूप में नियुक्ति हो सकेगी।
कोर्स लगभग तैयार :
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कोर्स करीब-करीब तैयार कर लिया है।
एनसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर संतोष पांडा ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि कोर्स का मकसद 12वीं के बाद प्रतिभाशाली छात्रों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करना है।
एनसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर संतोष पांडा ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि कोर्स का मकसद 12वीं के बाद प्रतिभाशाली छात्रों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करना है।
बीएबीएड -बीएससीबीएड :
कोर्स के नाम बीएबीएड एवं बीएससीबीएड हैं। दोनों कोर्स में फर्क यह है कि एक आर्ट्स और एक साइंस स्ट्रीम का है। इससे छात्रों का एक साल बचेगा। बीए और बीएड अलग-अलग करने में 5 साल लगते हैं। राज्यों से भी चर्चा : पांडा ने कहा कि सोमवार को शिक्षा मंत्रियों की बैठक में इस चार वर्षीय कोर्स पर भी चर्चा होगी।
कोर्स के नाम बीएबीएड एवं बीएससीबीएड हैं। दोनों कोर्स में फर्क यह है कि एक आर्ट्स और एक साइंस स्ट्रीम का है। इससे छात्रों का एक साल बचेगा। बीए और बीएड अलग-अलग करने में 5 साल लगते हैं। राज्यों से भी चर्चा : पांडा ने कहा कि सोमवार को शिक्षा मंत्रियों की बैठक में इस चार वर्षीय कोर्स पर भी चर्चा होगी।
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