असंगठित क्षेत्र के कामगारों और आम नागरिकों को राहत देने के लिए सरकार
आगामी बजट में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को आयकर में राहत दे सकती है।
फिलहाल इस योजना में निवेश करते समय तो आयकर में छूट मिलती है लेकिन
परिपक्वता के बाद निकासी के समय आयकर देय होता है।
इसलिए आम लोगों में यह योजना लोकप्रिय नहीं हो पा रही है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी बजट में एनपीएस को ईईई (एक्जंप्ट, एक्जंप्ट, एक्जंप्ट) का दर्जा मिल सकता है। अभी तक इस योजना को ईईटी (एक्जंप्ट, एक्जंप्ट, टैक्स) का दर्जा है। इसका मतलब है किइसमें निवेश करते वक्त आय कर में छूट दी जाएगी।
इस राशि को जहां निवेश किया जाएगा, उससे मिले वार्षिक प्रतिफल पर भी कोई कर देय नहीं होगा लेकिन जब इस योजना से पैसे निकाले जाएंगे, तब नियमानुसार आय कर काटा जाएगा।
एनपीएस का प्रबंधन करने वाली एजेंसी प्रॉविडेंट फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस बार बजट प्रस्ताव के सिलसिले में उनके यहां के प्रतिनिधिमंडल ने भी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर इसकी मांग दोहराई है। दरअसल, पिछले साल ही इस योजना को ट्रिपल ई दर्जा देने की बात पर सहमति बन गई थी लेकिन अंतिम समय में इसे निकाल दिया गया था। अब जबकि सातवें वेतन आयोग ने भी एनपीएस को ट्रिपल ई दर्जा देने की सिफारिश की है तो सरकार पर ऐसा करने का दवाब बढ़ गया है। इससे पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार ने जब प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) का मसौदा तैयार किया था तो उसमें भी एनपीएस को डीटीसी दर्जा देने की बात कही गई थी।
पीएफआरडीए के सूत्र का कहना है कि एनपीएस को ट्रिपल ई दर्जा देने की मांग सरकारी कर्मचारियों के यूनियनों की तरफ से भी हो रहा है।
एनपीएस की परिपक्वता निकासी पर भी दी जा सकती है आयकर से छूट
मौजूदा समय में परिपक्वता के बाद पैसे निकालने पर देना पड़ता है आयकर
इस समय अन्य पेंशन योजनाओं, जैसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) के अलावा पीपीएफ और जीपीएफ, सभी पर ईईई की छूट है। एक अकेला यही पेंशन फंड है, जिस पर इसकी छूट नहीं है। देखा जाए तो अब नए सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस अपनाने की बाध्यता है। इसलिए इसे भी ईईई दर्जा मिलने की संभावना ज्यादा हो गई है।
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इसलिए आम लोगों में यह योजना लोकप्रिय नहीं हो पा रही है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी बजट में एनपीएस को ईईई (एक्जंप्ट, एक्जंप्ट, एक्जंप्ट) का दर्जा मिल सकता है। अभी तक इस योजना को ईईटी (एक्जंप्ट, एक्जंप्ट, टैक्स) का दर्जा है। इसका मतलब है किइसमें निवेश करते वक्त आय कर में छूट दी जाएगी।
इस राशि को जहां निवेश किया जाएगा, उससे मिले वार्षिक प्रतिफल पर भी कोई कर देय नहीं होगा लेकिन जब इस योजना से पैसे निकाले जाएंगे, तब नियमानुसार आय कर काटा जाएगा।
एनपीएस का प्रबंधन करने वाली एजेंसी प्रॉविडेंट फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस बार बजट प्रस्ताव के सिलसिले में उनके यहां के प्रतिनिधिमंडल ने भी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर इसकी मांग दोहराई है। दरअसल, पिछले साल ही इस योजना को ट्रिपल ई दर्जा देने की बात पर सहमति बन गई थी लेकिन अंतिम समय में इसे निकाल दिया गया था। अब जबकि सातवें वेतन आयोग ने भी एनपीएस को ट्रिपल ई दर्जा देने की सिफारिश की है तो सरकार पर ऐसा करने का दवाब बढ़ गया है। इससे पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार ने जब प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) का मसौदा तैयार किया था तो उसमें भी एनपीएस को डीटीसी दर्जा देने की बात कही गई थी।
पीएफआरडीए के सूत्र का कहना है कि एनपीएस को ट्रिपल ई दर्जा देने की मांग सरकारी कर्मचारियों के यूनियनों की तरफ से भी हो रहा है।
एनपीएस की परिपक्वता निकासी पर भी दी जा सकती है आयकर से छूट
मौजूदा समय में परिपक्वता के बाद पैसे निकालने पर देना पड़ता है आयकर
इस समय अन्य पेंशन योजनाओं, जैसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) के अलावा पीपीएफ और जीपीएफ, सभी पर ईईई की छूट है। एक अकेला यही पेंशन फंड है, जिस पर इसकी छूट नहीं है। देखा जाए तो अब नए सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस अपनाने की बाध्यता है। इसलिए इसे भी ईईई दर्जा मिलने की संभावना ज्यादा हो गई है।
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