Breaking Posts

Top Post Ad

बीएसए की मनमानी से गर्त हो रहा कर्णधारों का भविष्य : शासनादेश को दरकिनार कर बीएसए कार्यालय व बीआरसी में संबद्ध किए गए सैकड़ों अध्यापक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सीतापुर। केंद्र व राज्य सरकार भले ही शिक्षा के उजियारे को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत हो लेकिन जिले की हकीकत कुछ और ही है। यहां पर तो शिक्षा विभाग ही शासन की मंशा पर ग्रहण लगाने को आतुर दिख रहा है।
चन्द रंगीन कागजों की खातिर विभागीय अधिकारी देश के कर्णधारों का भविष्य गर्त करने में लगे हुए है। जिस व्यक्ति को शासन ने जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ बनाने की जिम्मेदारी दी है वही अधिकारी शासन की इस मुहिम को पलीता लगा रहा है। जिसके चलते सर्व शिक्षा अभियान जिले में दम तोड़ता नजर आ रहा है।
भले ही केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार शिक्षा केअधिकार केतहत हर बच्चे को शिक्षित करने के लिए अभियान चला रखा हो लेकिन यह अभियान जिले में दम तोड़ता नजर आ रहा है। क्याेंकि बीएसए की मनमानी इन कर्णधारों के भविष्य पर भारी पड़ रही है। जिले में शिक्षण कार्य केवल कागजों तक की सीमित होता जा रहा है। वही अधिकारी अपने वातानुकूलित कार्यालयों के बाहर निकलने तक की जहमत उठाना नहीं चाह रहे है।

हम बात कर रहे है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के मनमानी की। जी हां इन साहब की मनमानी विभाग में इस कदर हावी है कि साहब किसी भी अध्यापक को अपनी मन मर्जी से कही भी सम्बद्ध कर सकते है वह भी महज कागज के चंद रंगीन टुकड़ों की खातिर। शासन का शासनादेश भी इन साहब के लिए कोई मायने नहीं रखता। वही अपनी साख को कायम रखने के लिए साहब अपने आप को बेहद ईमानदार और शासन के आदेशों का पालन करने वाले अधिकारियों में सबसे आगे बताने में पीछे नहीं हटते। लेकिन यह साबह यह भूल गए कि जिन अध्यापकों का सम्बद्धीकरण उन्हांेने बीएसए कार्यालय, बीआरसी तथा डॉयट व अन्य जगहों पर कर रखा है वह किस शासना देश केआधार पर किया है।

सूत्रों की माने तो ईमानदारी का ढोंग पीटने वाले बीएसए विभाग पर केवल अपनी मनमानी करते है। बीएसए की इस मनमानी से जिले के हजारों ऐसे मासूम है जिनका भविष्य अशिक्षा के अंधेरे में डूबता नजर आ रहा है। क्योंकि बीएसए की मनमानी केकारण कई ऐसे स्कूल है जहां से अध्यापकों को हटा कर उन्हे उनकी सहूलियत के अनुसार अन्य स्कूल अथवा कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी जब शिक्षा मित्रों को जब स्कूलाें में नई तैनाती देने का समय आया था तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी मनमानी एक बार फिर से दिखाई थी। बताते चले कई वर्ष पूर्व शहरी क्षेत्र में काशीराम कालोनी व अम्बेडनगर मोहल्ले में शासन केनिर्देश पर कम्पोजिट विद्यालयों का निर्माण कराया गया था। लेकिन बीएसए ने अब तक इन स्कूलों के लिए पद सृजित नहीं किया।

लेकिन जब शिक्षा मित्रों को नये विद्यालयों में तैनाती देने की बात आई तो बीएसए ने एक बार फिर से अपनी मनमानी दिखाई और अपने चाहने वालों को यहां पर तैनाती दे दी थी। लेकिन न्यायालय के फैसले के कारण शिक्षा मित्रों के पद रिक्त होते ही फिर से इन स्कूलों का हाल वैसा ही हो गया। अब बीएसए इन स्कूलों में तैनाती करने की बात पर पद का सृजन न होना बता रहे है। यदि इस समय इन स्कूलों केपद सृजित नही है तो उस समय किस आधार पर शिक्षा मित्रों की तैनाती के लिए पद का सृजन कर लिया गया था। फिलहाल यह तो मात्र एक बानगी है अगर शिक्षा विभाग में देखा जाये तो इन ईमानदार साहब की अनगिनत मनमानियों की जानकारी सबके सामने आ जायेगी।

बीएसए की इन मनमानियों की जानकारी जब सदर विधायक राधेश्याम जायसवाल को हुई तो उन्होने विधान सभा में इस सवाल को उठाया कि बिना किसी शासनादेश के सैकड़ों अध्यापकों को शिक्षण कार्य से हटा कर कार्यालयों में सम्बद्घ कर दिया गया। विधायक द्वारा उठाये गए इस प्रश्न को गंभीरता से लिया गया और मामले की जांच करने के लिए कहा गया। वही जब इस मामले की जानकारी के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होने फोन रिसीव नही किया।
Sponsored links :
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Facebook