इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने एक बार
फिर स्पष्ट किया है कि जनहित याचिकाएं ठोस तथ्यों और उचित आधार पर ही दाखिल
की जाएं, ताकि न्यायिक आदेशों से आम जनता को राहत मिल सके। सतही जानकारी
और मात्र लोकप्रियता प्राप्त करने के इरादे से याचिका दाखिल करना उचित नहीं
है।
मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने जनअधिकार मंच द्वारा दाखिल जनहित याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में चिकित्सकों की लापरवाही से सात लोगों की आंख की रोशनी जाने की घटना का जिक्र करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की गई थी। खंडपीठ ने कहा कि याची के द्वारा कोई तथ्य एकत्र नहीं किए गए हैं।
उसने आरटीआई के तहत भी कोई सूचना मांगने की कोशिश नहीं की। मात्र अखबारों में प्रकाशित समाचारों और हलफनामे के जरिए आदेश की मांग की है। यह उचित नहीं। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए छूट दी है कि याची और अधिक परिश्रम कर तथ्य जुटाए और सही जानकारी के साथ याचिका दाखिल करे। नियुक्ति पत्र पाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं कई अभ्यर्थी हाईकोर्ट ने सभी वर्गों का परिणाम घोषित करने को कहा सिपाही भर्ती के नतीजे जुलाई 2015 में ही घोषित हो गए थे। दिसंबर 2015 से चयनित अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण का काम भी शुरू हो चुका है। अदालत ने क्या आदेश किए हैं, इसकी अभी जानकारी नहीं हो सकी है। आदेश मिलने के बाद ही कहा जा सकेगा कि अदालत के निर्देश पर क्या कार्रवाई होनी है। - वीके गुप्ता, डीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड
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मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने जनअधिकार मंच द्वारा दाखिल जनहित याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में चिकित्सकों की लापरवाही से सात लोगों की आंख की रोशनी जाने की घटना का जिक्र करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की गई थी। खंडपीठ ने कहा कि याची के द्वारा कोई तथ्य एकत्र नहीं किए गए हैं।
उसने आरटीआई के तहत भी कोई सूचना मांगने की कोशिश नहीं की। मात्र अखबारों में प्रकाशित समाचारों और हलफनामे के जरिए आदेश की मांग की है। यह उचित नहीं। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए छूट दी है कि याची और अधिक परिश्रम कर तथ्य जुटाए और सही जानकारी के साथ याचिका दाखिल करे। नियुक्ति पत्र पाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं कई अभ्यर्थी हाईकोर्ट ने सभी वर्गों का परिणाम घोषित करने को कहा सिपाही भर्ती के नतीजे जुलाई 2015 में ही घोषित हो गए थे। दिसंबर 2015 से चयनित अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण का काम भी शुरू हो चुका है। अदालत ने क्या आदेश किए हैं, इसकी अभी जानकारी नहीं हो सकी है। आदेश मिलने के बाद ही कहा जा सकेगा कि अदालत के निर्देश पर क्या कार्रवाई होनी है। - वीके गुप्ता, डीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड
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