माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में इस बार कई बदलाव किए गए। हर
जिले में उसकी पिछली परीक्षाओं की व्यवस्था के अनुसार परिवर्तन कराए गए।
इसी क्रम में इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों की अनुपस्थिति
इलाहाबाद तक भेजने के लिए एक एप भी बनाया गया।
जिसके लिए टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन से टाईअप भी किया गया। हर जिले से दो शिक्षकों को इसके प्रयोग करने का प्रशिक्षण इलाहाबाद में दिया गया, लेकिन इतने खर्च के बाद भी परीक्षा के पहले दिन ही सब टॉय-टॉय फिस्स हो गया। पोल खुलकर सबके सामने आ गई।
गुरुवार को यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन हिंदी का पेपर था, जिसमें परीक्षार्थियों की संख्या सबसे अधिक रहती है।
ऐसे में केंद्र व्यवस्थापक भी इस बार उपस्थिति एप मिलने के बाद राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन जब उसने काम नहीं किया, तो ऐसे में सभी केंद्र व्यवस्थापकों के हाथ-पांव फूल गए। इस बारे में जानकारी लेने के लिए दूसरे परीक्षा केंद्रों पर संपर्क करना शुरू कर दिया।
जब इस बारे में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक शिवप्रकाश द्विवेदी को जानकारी हुई, तो उन्होंने बोर्ड में संपर्क साधा। जिसके बाद उन्होंने सभी को पुरानी व्यवस्था के अनुरूप अनुपस्थिति की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए। शुक्रवार को भी जब सिम एक्टिवेट नहीं हुए तो माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की ओर से सभी शिक्षा निदेशकों को पत्र भेज पुरानी व्यवस्था के जरिए ही परीक्षार्थियों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट बोर्ड को भेजने के आदेश कर दिए गए। ऐसे में अब केंद्र व्यवस्थापक बिना किसी परेशानी के पुरानी नीति के अनुसार परीक्षार्थियों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट भेज सकेंगे।
अब तक एक्टिवेट नहीं हुए सिम, उपस्थिति एप से अब नहीं देनी होगी रिपोेर्ट
मुझे फोन द्वारा सूचित किया गया है। अब केंद्र व्यवस्थापकों को पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही परीक्षार्थियों की रिपोर्ट भेजनी होगी। इस बार बोर्ड ने एप की सुविधा इसलिए रखी थी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
-शिव प्रकाश द्विवेदी, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक
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जिसके लिए टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन से टाईअप भी किया गया। हर जिले से दो शिक्षकों को इसके प्रयोग करने का प्रशिक्षण इलाहाबाद में दिया गया, लेकिन इतने खर्च के बाद भी परीक्षा के पहले दिन ही सब टॉय-टॉय फिस्स हो गया। पोल खुलकर सबके सामने आ गई।
गुरुवार को यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन हिंदी का पेपर था, जिसमें परीक्षार्थियों की संख्या सबसे अधिक रहती है।
ऐसे में केंद्र व्यवस्थापक भी इस बार उपस्थिति एप मिलने के बाद राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन जब उसने काम नहीं किया, तो ऐसे में सभी केंद्र व्यवस्थापकों के हाथ-पांव फूल गए। इस बारे में जानकारी लेने के लिए दूसरे परीक्षा केंद्रों पर संपर्क करना शुरू कर दिया।
जब इस बारे में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक शिवप्रकाश द्विवेदी को जानकारी हुई, तो उन्होंने बोर्ड में संपर्क साधा। जिसके बाद उन्होंने सभी को पुरानी व्यवस्था के अनुरूप अनुपस्थिति की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए। शुक्रवार को भी जब सिम एक्टिवेट नहीं हुए तो माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की ओर से सभी शिक्षा निदेशकों को पत्र भेज पुरानी व्यवस्था के जरिए ही परीक्षार्थियों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट बोर्ड को भेजने के आदेश कर दिए गए। ऐसे में अब केंद्र व्यवस्थापक बिना किसी परेशानी के पुरानी नीति के अनुसार परीक्षार्थियों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट भेज सकेंगे।
अब तक एक्टिवेट नहीं हुए सिम, उपस्थिति एप से अब नहीं देनी होगी रिपोेर्ट
मुझे फोन द्वारा सूचित किया गया है। अब केंद्र व्यवस्थापकों को पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही परीक्षार्थियों की रिपोर्ट भेजनी होगी। इस बार बोर्ड ने एप की सुविधा इसलिए रखी थी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
-शिव प्रकाश द्विवेदी, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक
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