लखनऊ : पिछले साल सूखाग्रस्त घोषित किये गए सूबे के 50 जिलों के परिषदीय स्कूलों में बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान मिड-डे मील मिलेगा। परिषदीय स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शनिवार यानी 21 मई से 30 जून तक होंगी। इस दौरान बच्चों को स्कूल में सुबह नौ से 11 बजे के बीच भोजन मुहैया कराया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को सूखाग्रस्त घोषित किये गए 50 जिलों के जिलाधिकारियों को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। मिड-डे मील वितरण की जिम्मेदारी उन्हीं व्यक्तियों/संस्थाओं की होगी, जो सामान्य कार्यदिवसों में स्कूल में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराते हैं।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान मिड-डे मील उपलब्ध कराने के बारे में ग्राम प्रधानों, स्वयं सहायता समूहों/गैर सरकारी समूहों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को पहले से सूचित कर दिया जाए। मध्याह्न् भोजन की उपलब्धता और गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे मिड-डे मील योजना की निगरानी की व्यवस्था रोस्टर बनाकर करें। गर्मी में भोजन के जल्दी खराब होने की संभावना रहती है। इसलिए जिलाधिकारी के अधीन काम करने वाली टास्क फोर्स समय-समय पर भोजन की गुणवत्ता को भी परखेगी। योजना के संचालन के लिए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है। गर्मी की छुट्टियों में मिड-डे मील का हिसाब-किताब स्कूल में उपलब्ध मध्याह्न् भोजन योजना रजिस्टर में ही किया जाएगा। मिड-डे मील को पकाने के लिए सामान्य कार्यदिवस की तरह रसोइयों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है।
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बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को सूखाग्रस्त घोषित किये गए 50 जिलों के जिलाधिकारियों को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। मिड-डे मील वितरण की जिम्मेदारी उन्हीं व्यक्तियों/संस्थाओं की होगी, जो सामान्य कार्यदिवसों में स्कूल में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराते हैं।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान मिड-डे मील उपलब्ध कराने के बारे में ग्राम प्रधानों, स्वयं सहायता समूहों/गैर सरकारी समूहों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को पहले से सूचित कर दिया जाए। मध्याह्न् भोजन की उपलब्धता और गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे मिड-डे मील योजना की निगरानी की व्यवस्था रोस्टर बनाकर करें। गर्मी में भोजन के जल्दी खराब होने की संभावना रहती है। इसलिए जिलाधिकारी के अधीन काम करने वाली टास्क फोर्स समय-समय पर भोजन की गुणवत्ता को भी परखेगी। योजना के संचालन के लिए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है। गर्मी की छुट्टियों में मिड-डे मील का हिसाब-किताब स्कूल में उपलब्ध मध्याह्न् भोजन योजना रजिस्टर में ही किया जाएगा। मिड-डे मील को पकाने के लिए सामान्य कार्यदिवस की तरह रसोइयों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है।
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