इलाहाबाद : बीपीएड धारकों पर सरकार के मेहरबान होते ही सीपीएड प्रशिक्षु भी
सक्रिय हो गए हैं। मुअल्लिम-ए-उर्दू के तर्ज पर उन्हें भी सहायक अध्यापक
के पद पर नियुक्ति देने की मांग हो रही है। वर्षो पहले प्रशिक्षण
प्राप्त कर चुके सीपीएड अनदेखी के कारण बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं।
1प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर बीटीसी के समकक्ष सीपीएड एवं मुअल्लिम-ए-उर्दू की नियुक्ति की जाती थी। 23 मार्च 1995 के शासनादेश के तहत समकक्षता में सीपीएड को वरीयता दी जाती थी, लेकिन 11 अगस्त 1997 में बीटीसी के समकक्ष सभी समकक्षताएं समाप्त कर दी गई और सीपीएड का प्रशिक्षण भी खत्म कर दिया गया। तब से सीपीएड बेरोजगारी का शिकार हैं और लगातार शासन का इस ओर ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है। 2013 में शासन ने सीपीएड एवं मुअल्लिम-ए-उर्दू का प्रस्ताव मांगा, लेकिन उस समय सीपीएड को फिर छोड़ दिया गया। अब तक वह आश्वासन के ही भरोसे हैं। 1प्रशिक्षुओं ने अब बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का दरवाजा खटखटाया है। उनसे मुअल्लिम-ए-उर्दू की तरह सीपीएड की नियुक्ति की उम्र 60 वर्ष तक बढ़ाने की मांग हो रही है, क्योंकि 1997 के पूर्व के छूटे प्रशिक्षुओं को ही मौका दिया जाना है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षक का पद सृजित करके बिना शर्त नियुक्ति दी जाए। सीपीएड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष निन्नू यादव ने बताया कि परिषद सचिव से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि शासन से कोई मदद नहीं करवा सकते तो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु दिलाने में मदद करें। उनका कहना है कि अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
Sponsored links :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्राप्त कर चुके सीपीएड अनदेखी के कारण बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं।
1प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर बीटीसी के समकक्ष सीपीएड एवं मुअल्लिम-ए-उर्दू की नियुक्ति की जाती थी। 23 मार्च 1995 के शासनादेश के तहत समकक्षता में सीपीएड को वरीयता दी जाती थी, लेकिन 11 अगस्त 1997 में बीटीसी के समकक्ष सभी समकक्षताएं समाप्त कर दी गई और सीपीएड का प्रशिक्षण भी खत्म कर दिया गया। तब से सीपीएड बेरोजगारी का शिकार हैं और लगातार शासन का इस ओर ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है। 2013 में शासन ने सीपीएड एवं मुअल्लिम-ए-उर्दू का प्रस्ताव मांगा, लेकिन उस समय सीपीएड को फिर छोड़ दिया गया। अब तक वह आश्वासन के ही भरोसे हैं। 1प्रशिक्षुओं ने अब बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का दरवाजा खटखटाया है। उनसे मुअल्लिम-ए-उर्दू की तरह सीपीएड की नियुक्ति की उम्र 60 वर्ष तक बढ़ाने की मांग हो रही है, क्योंकि 1997 के पूर्व के छूटे प्रशिक्षुओं को ही मौका दिया जाना है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शारीरिक शिक्षक का पद सृजित करके बिना शर्त नियुक्ति दी जाए। सीपीएड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष निन्नू यादव ने बताया कि परिषद सचिव से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि शासन से कोई मदद नहीं करवा सकते तो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु दिलाने में मदद करें। उनका कहना है कि अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
Sponsored links :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC