बैकडेट में आदेश जारी करने के आरोप में सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी को
हाईकोर्ट ने किया तलब, 24 मई को ईमेल ब्यौरे के साथ हाजिर होने का आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव को 24 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इन पर पिछली तारीख से आदेश पारित करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए सचिव को उनके कार्यालय द्वारा 21 अप्रैल 16 को प्राचार्य डायट
कानपुर को भेजे गये ईमेल का पूरा ब्यौरा पेश करने को कहा है।
1यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कर्मयोगी प्रभूदेवी ललिता देवी शिक्षा संस्थान की अवमानना याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता वेदकांत मिश्र का कहना है कि ललिता देवी शिक्षा संस्थान अल्पसंख्यक संस्था है। संस्थान ने सत्र 2014-15 में बीटीसी कोर्स की सीटें अपनी पसंद से भर ली।
अल्पसंख्यक स्वरूप को लेकर विवाद होने पर याची के बीटीसी छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गयी जिसे याचिका में चुनौती दी गयी। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को होने वाली परीक्षा से पहले 20 अप्रैल 16 को याची को अपना प्रत्यावेदन सचिव को देने तथा उसे 21 अप्रैल को निर्णीत करने का आदेश दिया। याची का कहना है कि उसने समय से प्रत्यावेदन दे दिया किंतु कोर्ट आदेश की अवहेलना की गयी। कोर्ट ने सचिव नीना श्रीवास्तव को तलब किया। हलफनामा देकर सचिव ने कोर्ट को बताया कि आदेश की प्रति 21 अप्रैल 16 को मिली जिसे उसी दिन निरस्त कर सूचित कर दिया गया। इसी दिन शाम 4.43 बजे डायट कानपुर नगर को ईमेल कर दिया गया। उस पर याची ने आपत्ति की और कहा कि 27 अप्रैल को जब कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की तो 21 अप्रैल बैक डेट से आदेश पारित कर अवमानना से बचने का उपाय किया गया है। 28 अप्रैल तक 21 अप्रैल का कथित आदेश पारित नहीं किया गया था। इस पर कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए 21 अप्रैल को भेजे गये ईमेल का ब्यौरा मांगा है।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव को 24 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इन पर पिछली तारीख से आदेश पारित करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए सचिव को उनके कार्यालय द्वारा 21 अप्रैल 16 को प्राचार्य डायट
कानपुर को भेजे गये ईमेल का पूरा ब्यौरा पेश करने को कहा है।
1यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कर्मयोगी प्रभूदेवी ललिता देवी शिक्षा संस्थान की अवमानना याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता वेदकांत मिश्र का कहना है कि ललिता देवी शिक्षा संस्थान अल्पसंख्यक संस्था है। संस्थान ने सत्र 2014-15 में बीटीसी कोर्स की सीटें अपनी पसंद से भर ली।
अल्पसंख्यक स्वरूप को लेकर विवाद होने पर याची के बीटीसी छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गयी जिसे याचिका में चुनौती दी गयी। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को होने वाली परीक्षा से पहले 20 अप्रैल 16 को याची को अपना प्रत्यावेदन सचिव को देने तथा उसे 21 अप्रैल को निर्णीत करने का आदेश दिया। याची का कहना है कि उसने समय से प्रत्यावेदन दे दिया किंतु कोर्ट आदेश की अवहेलना की गयी। कोर्ट ने सचिव नीना श्रीवास्तव को तलब किया। हलफनामा देकर सचिव ने कोर्ट को बताया कि आदेश की प्रति 21 अप्रैल 16 को मिली जिसे उसी दिन निरस्त कर सूचित कर दिया गया। इसी दिन शाम 4.43 बजे डायट कानपुर नगर को ईमेल कर दिया गया। उस पर याची ने आपत्ति की और कहा कि 27 अप्रैल को जब कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी की तो 21 अप्रैल बैक डेट से आदेश पारित कर अवमानना से बचने का उपाय किया गया है। 28 अप्रैल तक 21 अप्रैल का कथित आदेश पारित नहीं किया गया था। इस पर कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए 21 अप्रैल को भेजे गये ईमेल का ब्यौरा मांगा है।
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