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गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ हिल स्टेशन पर जाकर मौज-मस्ती की शिक्षकों की तैयारियों पर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News शासन ने फेर दिया पानी

मैनपुरी : सूखाग्रस्त श्रेणी में शामिल होने के कारण जिले के सभी परिषदीय स्कूलों में अब रविवार और सार्वजनिक अवकाश में भी मिड-डे मील बनाकर बच्चों को खिलाना होगा।
स्कूलों में मिड-डे मील पक रहा है या नहीं, इसके लिए शिक्षाधिकारियों और जिम्मेदारों को भी निरीक्षण कर रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी।

मैनपुरी सूखा ग्रस्त जिलों की श्रेणी में शामिल है। ऐसे में शासन ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील से राहत पहुंचाने की पहल की है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि शासन स्तर से जिले के परिषदीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना से बच्चों का पेट भरने की व्यवस्था की गई है।

अभी तक गर्मी की छुट्टियों में सोमवार से शनिवार तक शिक्षकों को विद्यालयों में पहुंचकर प्रतिदिन प्रात: नौ से 11 बजे तक स्कूल में उपस्थित रहकर पंजीकृत बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के निर्देश दिए गए थे। 26 मई को जारी संशोधित आदेश में शासन ने व्यवस्था में परिवर्तन कर शिक्षकों का सिरदर्द बढ़ा दिया है। संशोधित आदेश पत्र में कहा गया है कि अब ग्रीष्मावकाश में जिले के सभी परिषदीय स्कूलों में रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दिन भी मिड-डे मील पकाकर बच्चों को खिलाया जाएगा।


विद्यालयों में मिड-डे मील पक रहा है या नहीं, इसके लिए शिक्षाधिकारियों के साथ अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को भी निरीक्षण करना होगा। प्रतिदिन विद्यालयों में पकने वाले भोजन की गुणवत्ता और प्रयुक्त की जा रही खाद्य सामग्री की भी जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी। बच्चों की उपस्थिति एमडीएम रजिस्टर पर अंकित करनी होगी।

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'शासन के निर्देश के तहत ही कार्य पूर्ण कराया जाएगा। विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के माध्यम से बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। नए संशोधित आदेश के बारे में भी शिक्षकों को अवगत करा दिया जाएगा।

भारती शाक्य, प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मैनपुरी।

'जो आदेश भेजा गया है उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है। गर्मी की छुट्टियों के कारण ज्यादातर बच्चे अपनी रिश्तेदारी में चले गए हैं। बच्चे स्कूल आ नहीं रहे हैं। ऐसे में शिक्षक यदि पंजीकृत बच्चों के हिसाब से एमडीएम बनाते हैं और वह बर्बाद होता है तो इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी। उसके लिए भी शिक्षक ही दोषी ठहराए जाएंगे। पहले से कैसे पता चलेगा कि कितने बच्चों के हिसाब से खाना पकाएंगे।

महेंद्र ¨सह यादव, जिला महामंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ, मैनपुरी।

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