प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक स्कूलों की एलटी ग्रेड (टीजीटी) 2011 भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ियों का बोलबाला रहा। गुरुवार को संस्कृत के प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के सभी चारों विकल्प गलत लिखे थे तो कला के प्रश्नपत्र में एक सवाल के चारों विकल्प छपे ही नहीं थे।
इतना ही नहीं तीन सवाल ऐसे पूछे गए गए जो प्रश्नपत्र में दो बार छपे थे। देर शाम तक 11 मंडल मुख्यालयों से पहली व दूसरी पाली में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या एवं अन्य कार्रवाई रिपोर्ट चयन बोर्ड मुख्यालय तक नहीं पहुंच सकी थी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) 2011 की परीक्षा बुधवार से शुरू हुई है। इसकी शुरुआत अव्यवस्थाओं के साथ हुई। दूसरे दिन सुबह की पाली (10 से 12 बजे) में 182 व शाम की पाली (दो से चार बजे) में इतने ही केंद्रों पर परीक्षा हुई। स्नातक शिक्षक परीक्षा में शामिल होने के लिए 3,34,967 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। दूसरी पाली में संस्कृत के प्रश्नपत्र में बुकलेट सीरीज ‘बी’ का 76वें सवाल में बालक की सप्तमी विभक्ति पूछी गई जबकि इसके विकल्प में चारों विभक्तियां राम से संबंधित थीं। ऐसे ही कला प्रश्नपत्र की बुकलेट ‘ए’ सीरीज में तीन सवाल ऐसे थे जो दो बार पूछे गए। सवाल नंबर 49 यहां 70वें नंबर पर, सवाल 63 यहां 85वें नंबर एवं सवाल नंबर चार प्रश्नपत्र में 107वें नंबर पर भी था।
दूसरी पाली में कला प्रश्नपत्र की ‘डी’ सीरीज में 18वें सवाल के चारों विकल्प प्रश्नपत्र में छपे ही नहीं। अन्य प्रश्नपत्रों में भी वर्तनी व गलत सवाल पूछे जाने के मामलों की भरमार रही। चयन बोर्ड ने इस बार सख्ती बरतते हुए यह निर्देश दिया था कि यदि कोई परीक्षार्थी अपनी ओएमआर शीट खाली छोड़ेगा तो परीक्षक उसे क्रॉस कर चिन्हित करेंगे, ताकि बाद में उसका मूल्यांकन न हो सके। 1परीक्षा के दौरान ऐसे भी परीक्षार्थी दिखे जो चंद सवालों का जवाब देकर केंद्र से बाहर निकल गए। माना जा रहा है कि परीक्षार्थियों ने यह नया रास्ता तलाश लिया है। कुछ सवाल होने पर ओएमआर का मूल्यांकन होगा ही। साथ ही उसमें बाद में हेराफेरी किए जाने की गुंजाइश भी रहेगी। कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने यह आपत्ति जताई कि उनकी बुकलेट खुली थी, लेकिन परीक्षक व जिला विद्यालय निरीक्षक आदि ने उसे नकार दिया।1चयन बोर्ड सचिव रूबी सिंह का कहना है कि दूसरे दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से निपट गई है। जिन सवालों के विकल्प छपे नहीं थे या फिर गलत थे उसमें परीक्षार्थियों को समान अंक दिए जाएंगे। वहीं जो सवाल बार-बार पूछे गए उसकी जांच कराकर प्रश्नों की संख्या कम किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है।
स्कैनिंग न हुई तो होगा प्रदर्शन : टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा में ओएमआर शीट की दो कार्बन कॉपी दी गई थी। इसमें से एक अभ्यर्थी के पास एवं दूसरी चयन बोर्ड में जमा हो गई थी। इससे मिलान कराकर परिणाम घोषित हुआ। इस बार भी दावा किया गया था कि कार्बन कॉपी से मिलान कराकर ही रिजल्ट घोषित होगा, लेकिन परीक्षा में केवल एक कार्बन कॉपी ही परीक्षार्थियों को मुहैया कराई गई है। चयन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि वह सभी ओएमआर शीट का मूल्यांकन कराने से पहले स्कैनिंग कराएंगे, ताकि उससे मिलान करके परिणाम जारी किया जा सके। टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह ने कहा है कि इसकी अनदेखी पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इन विषयों की थी परीक्षा : गुरुवार को स्नातक शिक्षक (टीजीटी) में सुबह की पाली में सामाजिक विज्ञान, उर्दू, संगीत, कृषि एवं दूसरी पाली में संस्कृत, गणित एवं कला की परीक्षा सभी 11 मंडल मुख्यालयों के 182-182 केंद्रों पर हुई।
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इतना ही नहीं तीन सवाल ऐसे पूछे गए गए जो प्रश्नपत्र में दो बार छपे थे। देर शाम तक 11 मंडल मुख्यालयों से पहली व दूसरी पाली में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या एवं अन्य कार्रवाई रिपोर्ट चयन बोर्ड मुख्यालय तक नहीं पहुंच सकी थी।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) 2011 की परीक्षा बुधवार से शुरू हुई है। इसकी शुरुआत अव्यवस्थाओं के साथ हुई। दूसरे दिन सुबह की पाली (10 से 12 बजे) में 182 व शाम की पाली (दो से चार बजे) में इतने ही केंद्रों पर परीक्षा हुई। स्नातक शिक्षक परीक्षा में शामिल होने के लिए 3,34,967 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। दूसरी पाली में संस्कृत के प्रश्नपत्र में बुकलेट सीरीज ‘बी’ का 76वें सवाल में बालक की सप्तमी विभक्ति पूछी गई जबकि इसके विकल्प में चारों विभक्तियां राम से संबंधित थीं। ऐसे ही कला प्रश्नपत्र की बुकलेट ‘ए’ सीरीज में तीन सवाल ऐसे थे जो दो बार पूछे गए। सवाल नंबर 49 यहां 70वें नंबर पर, सवाल 63 यहां 85वें नंबर एवं सवाल नंबर चार प्रश्नपत्र में 107वें नंबर पर भी था।
दूसरी पाली में कला प्रश्नपत्र की ‘डी’ सीरीज में 18वें सवाल के चारों विकल्प प्रश्नपत्र में छपे ही नहीं। अन्य प्रश्नपत्रों में भी वर्तनी व गलत सवाल पूछे जाने के मामलों की भरमार रही। चयन बोर्ड ने इस बार सख्ती बरतते हुए यह निर्देश दिया था कि यदि कोई परीक्षार्थी अपनी ओएमआर शीट खाली छोड़ेगा तो परीक्षक उसे क्रॉस कर चिन्हित करेंगे, ताकि बाद में उसका मूल्यांकन न हो सके। 1परीक्षा के दौरान ऐसे भी परीक्षार्थी दिखे जो चंद सवालों का जवाब देकर केंद्र से बाहर निकल गए। माना जा रहा है कि परीक्षार्थियों ने यह नया रास्ता तलाश लिया है। कुछ सवाल होने पर ओएमआर का मूल्यांकन होगा ही। साथ ही उसमें बाद में हेराफेरी किए जाने की गुंजाइश भी रहेगी। कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने यह आपत्ति जताई कि उनकी बुकलेट खुली थी, लेकिन परीक्षक व जिला विद्यालय निरीक्षक आदि ने उसे नकार दिया।1चयन बोर्ड सचिव रूबी सिंह का कहना है कि दूसरे दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से निपट गई है। जिन सवालों के विकल्प छपे नहीं थे या फिर गलत थे उसमें परीक्षार्थियों को समान अंक दिए जाएंगे। वहीं जो सवाल बार-बार पूछे गए उसकी जांच कराकर प्रश्नों की संख्या कम किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है।
स्कैनिंग न हुई तो होगा प्रदर्शन : टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा में ओएमआर शीट की दो कार्बन कॉपी दी गई थी। इसमें से एक अभ्यर्थी के पास एवं दूसरी चयन बोर्ड में जमा हो गई थी। इससे मिलान कराकर परिणाम घोषित हुआ। इस बार भी दावा किया गया था कि कार्बन कॉपी से मिलान कराकर ही रिजल्ट घोषित होगा, लेकिन परीक्षा में केवल एक कार्बन कॉपी ही परीक्षार्थियों को मुहैया कराई गई है। चयन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि वह सभी ओएमआर शीट का मूल्यांकन कराने से पहले स्कैनिंग कराएंगे, ताकि उससे मिलान करके परिणाम जारी किया जा सके। टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह ने कहा है कि इसकी अनदेखी पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इन विषयों की थी परीक्षा : गुरुवार को स्नातक शिक्षक (टीजीटी) में सुबह की पाली में सामाजिक विज्ञान, उर्दू, संगीत, कृषि एवं दूसरी पाली में संस्कृत, गणित एवं कला की परीक्षा सभी 11 मंडल मुख्यालयों के 182-182 केंद्रों पर हुई।
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