नई दिल्ली (जेएनएन)। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज केंद्र सरकार की ‘विद्यांजलि’ योजना की शुरुआत की। योजना का उद्धाटन करते हुए मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि ‘इस योजना से सरकारी स्कूलों में बच्चों को पता चलेगा कि वे अकेले नहीं बल्कि टीम इंडिया का हिस्सा हैं।
बता दें कि इस योजना के तहत गैर शिक्षक लोग भी स्कूलों में पढ़ाने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस योजना की शुरूआत केंद्र सरकार के माई गवर्मेट पोर्टल से की है। वैसे तो ये योजना 2200 स्कूलों में शुरु की गई, लेकिन पहले चरण में 1200 स्कूलों को शामिल किया गया है। इसके लिए स्कूलों को विकल्प माई गवर्मेट पोर्टल से ही मिलेगा। योजना की खास बात ये है कि इसका फायदा किसी भी क्षेत्र के लोग ले सकते हैं। योजना में रिटायर्ड अध्यापक और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकते हैं।
योजना के तहत अतिरिक्त कक्षाएं देने व अतिरिक्त स्किल विकास पर जोर दिया गया है। इससे सरकार की ‘स्किल डेवलपमेंट योजना’ पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। योजना के उद्धाटन में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया भी मौजूद थे। कठेरिया ने कहा कि ‘इस मंच से ज्ञान और समुदाय के अनुभव को साझा किया जाएगा। ये योजना सरकारी स्कूलों में मूल्य जोड़ने का काम करेगी।‘
बता दें कि ‘विद्यांजलि’ स्कूलों में पढ़ाने की स्वयंसेवा योजना है जिससे ऐसे लोग जो शिक्षक नहीं हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकेंगे। इस योजना का मकसद आम जन को सरकारी स्कूलों से जोड़कर उन्हें शिक्षा में सहभागी बनाना है।
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बता दें कि इस योजना के तहत गैर शिक्षक लोग भी स्कूलों में पढ़ाने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस योजना की शुरूआत केंद्र सरकार के माई गवर्मेट पोर्टल से की है। वैसे तो ये योजना 2200 स्कूलों में शुरु की गई, लेकिन पहले चरण में 1200 स्कूलों को शामिल किया गया है। इसके लिए स्कूलों को विकल्प माई गवर्मेट पोर्टल से ही मिलेगा। योजना की खास बात ये है कि इसका फायदा किसी भी क्षेत्र के लोग ले सकते हैं। योजना में रिटायर्ड अध्यापक और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकते हैं।
योजना के तहत अतिरिक्त कक्षाएं देने व अतिरिक्त स्किल विकास पर जोर दिया गया है। इससे सरकार की ‘स्किल डेवलपमेंट योजना’ पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। योजना के उद्धाटन में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया भी मौजूद थे। कठेरिया ने कहा कि ‘इस मंच से ज्ञान और समुदाय के अनुभव को साझा किया जाएगा। ये योजना सरकारी स्कूलों में मूल्य जोड़ने का काम करेगी।‘
बता दें कि ‘विद्यांजलि’ स्कूलों में पढ़ाने की स्वयंसेवा योजना है जिससे ऐसे लोग जो शिक्षक नहीं हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकेंगे। इस योजना का मकसद आम जन को सरकारी स्कूलों से जोड़कर उन्हें शिक्षा में सहभागी बनाना है।
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