माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने भले ही 2016 की स्नातक शिक्षक
(टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) के लिए ऑनलाइन आवेदन मांग लिए हैं, लेकिन
पदों को लेकर अब भी असमंजस बना है। वेबसाइट में सुधार न होने से प्रतियोगी
समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वह कैसे आवेदन करें।
वहीं दूसरी ओर चयन बोर्ड 2011 की लिखित परीक्षा कराने में व्यस्त हो गया है।1चयन बोर्ड अभी 2011 एवं 2013 की टीजीटी-पीजीटी का इम्तिहान नहीं करा सका है। इसके बाद भी 2016 की रिक्तियां निकालकर ऑनलाइन आवेदन मांग लिए गए हैं। छह जून से शुरू हुई प्रक्रिया जुलाई तक चलेगी। इसमें नौ हजार से अधिक पदों पर दावेदारी होनी है। 1चयन बोर्ड की सारी तैयारियों की शुरुआत में ही पोल खुल गई है। इसकी वजह यह है कि पहले विज्ञापन में थर्ड जेंडर के लिए अलग से कॉलम नहीं बनाया गया। वह मुद्दा उठा तो उसे दुरुस्त किया गया। इसी बीच संगीत विभाग के छात्रों ने चयन बोर्ड अध्यक्ष से इस बात की शिकायत की है कि गायन एवं वादन के अलावा केवल संगीत नाम से भी पद जारी किए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इसमें किसे आवेदन करना है, क्योंकि संगीत की तो महज दो ही विधाएं हैं। चयन बोर्ड ने इसमें सुधार कराने का वादा जरूर किया है, लेकिन अब तक वह दुरुस्त नहीं हो सका है। 1इसी तरह बाटनी के प्रतियोगियों को विज्ञान से अलग रखने एवं अपेक्षाकृत कम सीटें आवंटित करने की शिकायत वह कर चुके हैं। इस मामले में भी अभी टालमटोल किया जा रहा है। यही नहीं कला वर्ग के छात्रों का कहना है कि कुछ विषयों में आवेदन के लिए पहले बीएड आदि की जरूरत नहीं थी, लेकिन इस बार से उसमें भी बीएड प्रशिक्षण मांगा जा रहा है। इसमें भी संशोधन की मांग उठी है। यह कब तक होगा बोर्ड के अभी कोई वाजिब जवाब नहीं है।
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वहीं दूसरी ओर चयन बोर्ड 2011 की लिखित परीक्षा कराने में व्यस्त हो गया है।1चयन बोर्ड अभी 2011 एवं 2013 की टीजीटी-पीजीटी का इम्तिहान नहीं करा सका है। इसके बाद भी 2016 की रिक्तियां निकालकर ऑनलाइन आवेदन मांग लिए गए हैं। छह जून से शुरू हुई प्रक्रिया जुलाई तक चलेगी। इसमें नौ हजार से अधिक पदों पर दावेदारी होनी है। 1चयन बोर्ड की सारी तैयारियों की शुरुआत में ही पोल खुल गई है। इसकी वजह यह है कि पहले विज्ञापन में थर्ड जेंडर के लिए अलग से कॉलम नहीं बनाया गया। वह मुद्दा उठा तो उसे दुरुस्त किया गया। इसी बीच संगीत विभाग के छात्रों ने चयन बोर्ड अध्यक्ष से इस बात की शिकायत की है कि गायन एवं वादन के अलावा केवल संगीत नाम से भी पद जारी किए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इसमें किसे आवेदन करना है, क्योंकि संगीत की तो महज दो ही विधाएं हैं। चयन बोर्ड ने इसमें सुधार कराने का वादा जरूर किया है, लेकिन अब तक वह दुरुस्त नहीं हो सका है। 1इसी तरह बाटनी के प्रतियोगियों को विज्ञान से अलग रखने एवं अपेक्षाकृत कम सीटें आवंटित करने की शिकायत वह कर चुके हैं। इस मामले में भी अभी टालमटोल किया जा रहा है। यही नहीं कला वर्ग के छात्रों का कहना है कि कुछ विषयों में आवेदन के लिए पहले बीएड आदि की जरूरत नहीं थी, लेकिन इस बार से उसमें भी बीएड प्रशिक्षण मांगा जा रहा है। इसमें भी संशोधन की मांग उठी है। यह कब तक होगा बोर्ड के अभी कोई वाजिब जवाब नहीं है।
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