उन्नाव, जागरण संवाददाता: अपर शिक्षा निदेशक का आदेश होने के बाद भी
चहेते खंड शिक्षाधिकारी को पहले तो कार्यमुक्त करने में एक पखवारा का समय
लग गया। इस पर जिले से रिली¨वग आर्डर भी 13 जुलाई से तैयार रखा है।
इसके बाद भी ब्लाक स्तर पर शिक्षकों की बैठक लेने की अभी भी खंड शिक्षाधिकारी को छूट दे रखी है। लगभग 14 वर्षों बाद स्थानांतरित हुए बीईओ का अभी भी जनपद से मोह भंग नहीं हो रहा है। शायद यही कारण है कि उन्होंने बीते दो दिनों में ब्लाक मुख्यालय स्थित बीआरसी कार्यालय में प्रधान शिक्षकों के साथ बैठक कर ड्रेस वितरण, किताबें वितरण से लेकर मिड-डे-मील तक की समीक्षा करते हुए रणनीति पर अंतिम मोहर लगायी।
सुनकर कुछ अजीब लग रहा हो लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की अपनी अलग अजब गजब कार्यप्रणाली है। इसी कड़ी में इन दिनों मामला बिछिया के खंड शिक्षाधिकारी का चर्चा में चल रहा है। यहां तैनात रहे खंड शिक्षाधिकारी उमाकांत ¨सह का बीते 29 जून को कन्नौज स्थानांतरण हो गया। स्थानांतरण आदेश के साथ उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने का भी आदेश दिए गए। लेकिन अपर शिक्षा निदेशक के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल पहले तो उन्हें 15 दिनों तक कार्यमुक्त नहीं किया गया। जब मामले ने तूल पकड़ा तो बीती 13 जुलाई को अभिलेखों में उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश तैयार कर दिया गया। इस आदेश के बाद उनका जिले में विभाग के काम काज के प्रति जो दायित्व था वह खत्म हो जाना चाहिए था। लेकिन साहब के खास बीईओ को अभी भी काम से छुट्टी नहीं मिली। कन्नौज के लिए कार्य मुक्त कर दिए जाने के बाद भी खंड शिक्षाधिकारी उमाकांत ¨सह ने 15 और 16 जुलाई को बिछिया बीआरसी सभागार में ब्लाक क्षेत्र के सभी प्रधान शिक्षकों के साथ बैठक करते हुए बकायदा उन्हें आवश्यक निर्देश जारी कर रहे थे। इस सबंध में बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने कहा कि उन्हें अभी कार्यमुक्त नहीं किया गया है, हां आदेश जरूर तैयार कर लिया गया था। उनके द्वारा दो दिन का वक्त मांगा गया था इसी से उन्हें रोका गया सोमवार को उन्हें कार्यमुक्त करा दिया जायेगा।
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इसके बाद भी ब्लाक स्तर पर शिक्षकों की बैठक लेने की अभी भी खंड शिक्षाधिकारी को छूट दे रखी है। लगभग 14 वर्षों बाद स्थानांतरित हुए बीईओ का अभी भी जनपद से मोह भंग नहीं हो रहा है। शायद यही कारण है कि उन्होंने बीते दो दिनों में ब्लाक मुख्यालय स्थित बीआरसी कार्यालय में प्रधान शिक्षकों के साथ बैठक कर ड्रेस वितरण, किताबें वितरण से लेकर मिड-डे-मील तक की समीक्षा करते हुए रणनीति पर अंतिम मोहर लगायी।
सुनकर कुछ अजीब लग रहा हो लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की अपनी अलग अजब गजब कार्यप्रणाली है। इसी कड़ी में इन दिनों मामला बिछिया के खंड शिक्षाधिकारी का चर्चा में चल रहा है। यहां तैनात रहे खंड शिक्षाधिकारी उमाकांत ¨सह का बीते 29 जून को कन्नौज स्थानांतरण हो गया। स्थानांतरण आदेश के साथ उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने का भी आदेश दिए गए। लेकिन अपर शिक्षा निदेशक के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल पहले तो उन्हें 15 दिनों तक कार्यमुक्त नहीं किया गया। जब मामले ने तूल पकड़ा तो बीती 13 जुलाई को अभिलेखों में उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश तैयार कर दिया गया। इस आदेश के बाद उनका जिले में विभाग के काम काज के प्रति जो दायित्व था वह खत्म हो जाना चाहिए था। लेकिन साहब के खास बीईओ को अभी भी काम से छुट्टी नहीं मिली। कन्नौज के लिए कार्य मुक्त कर दिए जाने के बाद भी खंड शिक्षाधिकारी उमाकांत ¨सह ने 15 और 16 जुलाई को बिछिया बीआरसी सभागार में ब्लाक क्षेत्र के सभी प्रधान शिक्षकों के साथ बैठक करते हुए बकायदा उन्हें आवश्यक निर्देश जारी कर रहे थे। इस सबंध में बीएसए कौस्तुभ कुमार ¨सह ने कहा कि उन्हें अभी कार्यमुक्त नहीं किया गया है, हां आदेश जरूर तैयार कर लिया गया था। उनके द्वारा दो दिन का वक्त मांगा गया था इसी से उन्हें रोका गया सोमवार को उन्हें कार्यमुक्त करा दिया जायेगा।
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