फतेहपुर, जागरण संवाददाता : बच्चों के शैक्षिक सुधार को लेकर दिए गए दिशा
निर्देश का भौतिक सत्यापन होगा। ग्रेडिंग पाए बच्चों को पढ़ाकर उनको बेहतर
बनाने का जिम्मा गुरुजनों के कंधों पर डाला गया है। बीएसए ने चालू सत्र से
पूर्व ही ग्रे¨डग का काम कराया था।
ग्रीष्मावकाश के बाद इन बच्चों का बौद्धिक स्तर मापा जाएगा। सुधार न होने पर संबंधित शिक्षकों को दोषी करार दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बौद्धिक स्तर को मांप कर एबीसीडी ग्रे¨डग दी गई है। यह काम खुद गुरुजनों को करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश की भरपाई में गुरुजन एक डायरी बनाएंगे जिसमें ग्रे¨डग के साथ विषयवार यह दर्ज करेंगे कि अमुक विषय में बच्चे को इतना आता है। एक माह की पढ़ाई के बाद इस बच्चे में इतना सुधार हुआ है इसलिए इसे ग्रे¨डग में पदोन्नति दी जा रही है। गुरुजनों को यह काम मन मार कर करना पड़ रहा है। दौड़ाए गए कागजी घोड़े के सत्यापन की तैयारी बीएसए द्वारा कर ली गई है। अब स्कूलों के निरीक्षण में इसकी पड़ताल की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ¨सह ने बताया कि प्रत्येक कक्षा में शैक्षिक स्तर को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को ग्रे¨डग दिए जाने के पीछे यही मंशा थी। शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा निभाए जा रहे नैतिक दायित्वों से बच्चों को कितना लाभ मिला यह पता आसानी से चल जाएगा। बच्चों को मिली ग्रे¨डग का मतलब यह होगा कि शैक्षिक माहौल बनाने की दिशा में प्रयास ही नहीं किए गए हैं। ऐसे शिक्षकों को दंडित भी किया जाएगा। इसके बाद उनसे ग्रे¨डग में सुधार का काम कराया जाएगा।
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ग्रीष्मावकाश के बाद इन बच्चों का बौद्धिक स्तर मापा जाएगा। सुधार न होने पर संबंधित शिक्षकों को दोषी करार दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बौद्धिक स्तर को मांप कर एबीसीडी ग्रे¨डग दी गई है। यह काम खुद गुरुजनों को करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश की भरपाई में गुरुजन एक डायरी बनाएंगे जिसमें ग्रे¨डग के साथ विषयवार यह दर्ज करेंगे कि अमुक विषय में बच्चे को इतना आता है। एक माह की पढ़ाई के बाद इस बच्चे में इतना सुधार हुआ है इसलिए इसे ग्रे¨डग में पदोन्नति दी जा रही है। गुरुजनों को यह काम मन मार कर करना पड़ रहा है। दौड़ाए गए कागजी घोड़े के सत्यापन की तैयारी बीएसए द्वारा कर ली गई है। अब स्कूलों के निरीक्षण में इसकी पड़ताल की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ¨सह ने बताया कि प्रत्येक कक्षा में शैक्षिक स्तर को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों को ग्रे¨डग दिए जाने के पीछे यही मंशा थी। शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा निभाए जा रहे नैतिक दायित्वों से बच्चों को कितना लाभ मिला यह पता आसानी से चल जाएगा। बच्चों को मिली ग्रे¨डग का मतलब यह होगा कि शैक्षिक माहौल बनाने की दिशा में प्रयास ही नहीं किए गए हैं। ऐसे शिक्षकों को दंडित भी किया जाएगा। इसके बाद उनसे ग्रे¨डग में सुधार का काम कराया जाएगा।
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