राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए हाथ-पांव मारने वाले पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों के शामिल होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कार्यरत अभ्यर्थी नियुक्ति अधिकारी से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करके ही दूसरी सेवा में आवेदन करेगा।
अनापत्ति प्रमाणपत्र देने वाले अभ्यर्थी का आवेदन मान्य होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग मंगलवार से शुरू हो गई है। इस बार तमाम ऐसे भी अभ्यर्थी दावेदार हैं, जिनका परिषद की पूर्व की भर्ती में चयन हो चुका है। इन्हें रोकने के लिए लगभग हर जिले में बीएसए से शिकायत हुई है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पत्र भेजकर परिषद से दिशा-निर्देश मांगा। परिषद सचिव ने तीन बिंदुओं पर सभी बीएसए को निर्देश भेजा है। पहले बिंदु में यह स्पष्ट किया गया है कि काउंसिलिंग का आशय नियुक्ति नहीं है, बल्कि चयन प्रक्रिया की कार्यवाही है। दूसरे बिंदु पर सचिव ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसी सेवा में कार्यरत किसी अभ्यर्थी को नियुक्ति का आवेदन करने या फिर चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग करने से रोका जा सके।
तीसरे बिंदु में सचिव ने स्पष्ट किया है कि सामान्य सेवा नियमों के तहत किसी सेवा में कार्यरत अभ्यर्थी अपने वर्तमान नियुक्ति अधिकारी से अनापत्ति प्राप्त करने के बाद ही दूसरी सेवा के लिए आवेदन करेगा, अन्यथा उसका आवेदन अमान्य होगा। इस निर्देश से साफ हो गया है कि पूर्व में चयनित अभ्यर्थी यदि काउंसिलिंग आदि कराएंगे और अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं देंगे तो उनका आवेदन ही अमान्य रहेगा। यह निर्देश नए अभ्यर्थियों को खूब रास आ रहा है
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अनापत्ति प्रमाणपत्र देने वाले अभ्यर्थी का आवेदन मान्य होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग मंगलवार से शुरू हो गई है। इस बार तमाम ऐसे भी अभ्यर्थी दावेदार हैं, जिनका परिषद की पूर्व की भर्ती में चयन हो चुका है। इन्हें रोकने के लिए लगभग हर जिले में बीएसए से शिकायत हुई है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पत्र भेजकर परिषद से दिशा-निर्देश मांगा। परिषद सचिव ने तीन बिंदुओं पर सभी बीएसए को निर्देश भेजा है। पहले बिंदु में यह स्पष्ट किया गया है कि काउंसिलिंग का आशय नियुक्ति नहीं है, बल्कि चयन प्रक्रिया की कार्यवाही है। दूसरे बिंदु पर सचिव ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसी सेवा में कार्यरत किसी अभ्यर्थी को नियुक्ति का आवेदन करने या फिर चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग करने से रोका जा सके।
तीसरे बिंदु में सचिव ने स्पष्ट किया है कि सामान्य सेवा नियमों के तहत किसी सेवा में कार्यरत अभ्यर्थी अपने वर्तमान नियुक्ति अधिकारी से अनापत्ति प्राप्त करने के बाद ही दूसरी सेवा के लिए आवेदन करेगा, अन्यथा उसका आवेदन अमान्य होगा। इस निर्देश से साफ हो गया है कि पूर्व में चयनित अभ्यर्थी यदि काउंसिलिंग आदि कराएंगे और अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं देंगे तो उनका आवेदन ही अमान्य रहेगा। यह निर्देश नए अभ्यर्थियों को खूब रास आ रहा है
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