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बीटीसी प्रशिक्षण: काउंसिलिंग न कराने पर हंगामा, मेरिट में अंतर होने पर भड़के आवेदक

हरदोई, जागरण संवाददाता : बीटीसी प्रशिक्षण के लिए गैर जनपद से पहुंचे आवेदकों की काउंसिलिंग न होने पर उन्होंने हंगामा कर डायट प्रशासन पर मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
आवेदक डायट से लेकर कलेक्ट्रेट परिसर तक विरोध करते रहे। वह दो घंटे तक धूप में जमीन पर बैठे रहे, जिसके बाद डीएम ने काउंसिलिंग के आदेश दिए।
बीटीसी प्रशिक्षण 2015 में प्रवेश के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से काउंसिलिंग के लिए मेरिट सूची जारी की गई है। डायट की ओर से वेबसाइट पर डाली गई मेरिट सूची में सामान्य कला वर्ग महिला की मेरिट 200.93 दर्शाई गई थी। इसके बाद उसको संशोधित कर मेरिट लिस्ट 219.93 कर दी गई, जिसे वेबसाइट पर नहीं दर्शाया गया। महिला कला वर्ग की सभी श्रेणियों के आवेदकों को काउंसिलिंग के लिए गुरुवार को बुलाया गया था। पूर्व में डायट की ओर से जारी की गई मेरिट लिस्ट के कारण जिनका कट आफ 200.93 तक था वह सभी काउंसिलिंग के लिए डायट पहुंचे लेकिन वहां पर मेरिट में आने वाले आवेदकों को काउंसिलिंग कराने से डायट प्रशासन ने मना कर दिया। डायट प्रशासन का तर्क था कि मेरिट की संशोधित सूचना जारी कर दी गई है जिसमें कट आफ 219.93 है। इससे कम मेरिट वालों को काउंसिलिंग में नहीं शामिल किया जा सकता। इस पर आवेदक भड़क उठे और हंगामा शुरू कर दिया। डायट कर्मचारियों से बहस होने के बाद गैर जनपद से आईं महिला आवेदक कलेक्ट्रेट पहुंची और डीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने की बात कही, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी बात सुनने नहीं आया। सभी कलेक्ट्रेट में धूप में ही जमीन पर बैठ गए और जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। करीब दो घंटे तक आवेदकों के हंगामा करने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर पप्पू गुप्ता मौके पर पहुंचे और काउंसलिंग कराने का आश्वासन दिया। आवेदकों ने डायट जाकर काउंसिलिंग कराई।
लालबत्ती लगी गाड़ी का घेराव: आवेदक धूप में परेशान हो रहे थे, पर कोई उनकी सुनने नहीं आ रहा था। इसी बीच लालबत्ती लगी एक गाड़ी वहां पर आकर रुकी, जिससे आवेदकों को लगा कोई अधिकारी है और सभी ने गाड़ी को घेर लिया और बोनट पर हाथों को पटक कर हंगामा करने लगे। सीओ सिटी अजीत सिंह ने समझाकर शांत कराया।
निकल आए महिला आवेदकों के आंसू : गैर जनपद से आई महिला आवेदकों की व्यथा सुनने जब कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो उनका धैर्य जवाब देने लगा। कलेक्ट्रेट में बैठी महिला आवेदक अपने भविष्य को इस कदर परेशान हुईं कि उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे। वहां पर बैठी कई महिला आवेदक काफी देर रोती रहीं।
काउंसिलिंग पर असमंजस : डीएम के निर्देश पर जिन आवेदकों की काउंसिलिंग कराई गई उनका कहना था कि उनको विश्वास नहीं है। उनके साथ सिर्फ औपचारिकता की गई है। सभी आवेदक इसको लेकर असमंजस की स्थिति में थे। उनका कहना था कि अगर यहां पर उनको मौका न मिला तो दूसरे जनपदों में भी नहीं पहुंच पाएंगे, इससे उनका भविष्य खराब हो जाएगा।
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