सोनभद्र: किसी ने सच ही कहा है कि उड़ान परों में नहीं हौसलों में होती
है। अगर इंसान के हौसले मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है। इसे
सच कर दिखाया है 16448 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में चयनित होकर
कानपुर देहात की रहने वाली रागिनी गुप्ता ने।
महज तीन फीट की लंबाई होने के बावजूद रागिनी ने जो कामयाबी हासिल की है वह काबीले तारीफ है।
जीं हां हम बात का रहे हैं कानपुर देहात के पुरवायन की रहने वाली रागिनी गुप्ता की। 1973 में हैदराबाद में जन्मी रागिनी के पिता एयरफोर्स में थे। उन्हीं के साथ कानपुर देहात के भी एक अफसर थे, जिनका बेटा भी तीन फीट का था। दोनों लोगों के बीच बात हुई और रागिनी की शादी वेद प्रकाश से हो गई। शादी के बाद वेदप्रकाश अपने परिवार की परवरिश के लिए मोटर बाइं¨डग का काम करना शुरू कर दिया। उस समय रागिनी स्नातक की पढ़ीं थी। शादी के बाद रागिनी में जज्बा था आगे बढ़ने का। फिर अपने पति के सहयोग से उन्होंने बीएड, एमएफील और पीएचडी की उपाधि भी ली। विशेष आरक्षण के तहत उन्होंने शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया। उनका चयन करके जिले के मुसहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनाती दी गई है।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
महज तीन फीट की लंबाई होने के बावजूद रागिनी ने जो कामयाबी हासिल की है वह काबीले तारीफ है।
जीं हां हम बात का रहे हैं कानपुर देहात के पुरवायन की रहने वाली रागिनी गुप्ता की। 1973 में हैदराबाद में जन्मी रागिनी के पिता एयरफोर्स में थे। उन्हीं के साथ कानपुर देहात के भी एक अफसर थे, जिनका बेटा भी तीन फीट का था। दोनों लोगों के बीच बात हुई और रागिनी की शादी वेद प्रकाश से हो गई। शादी के बाद वेदप्रकाश अपने परिवार की परवरिश के लिए मोटर बाइं¨डग का काम करना शुरू कर दिया। उस समय रागिनी स्नातक की पढ़ीं थी। शादी के बाद रागिनी में जज्बा था आगे बढ़ने का। फिर अपने पति के सहयोग से उन्होंने बीएड, एमएफील और पीएचडी की उपाधि भी ली। विशेष आरक्षण के तहत उन्होंने शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया। उनका चयन करके जिले के मुसहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनाती दी गई है।
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