सवाल :- अगर उच्च न्यायालय की तरह सुप्रीम कोर्ट में भी अपेक्षित पैरवी न हुई तो एकेडमिक भर्तियों का क्या होगा??

●सवाल :- अगर उच्च न्यायालय की तरह सुप्रीम कोर्ट में भी अपेक्षित पैरवी न हुई तो एकेडमिक भर्तियों का क्या होगा??सबको पता है अकेडमिक भर्तियां उच्च न्यायालय से रद्द है और सुप्रीम कोर्ट ही उन्हें बहाल कर सकती है।
हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि 2932/17 अजय त्रिपाठी ओमी vs state of up & others में एकेडमिक पक्ष की तरफ से अब तक चारो सुनवाई में सीनियर अधिवक्ता निदेश गुप्ता जी खड़े हुए हैं। अब तक शुरू की दो सुनवाई में ही हमने उनकी पूरी फीस अदा की थी और  पिछली 2 सुनवाई में हम सिर्फ टोकन मनी ही दे पाए हैं उनकी। मगर बहस हुई नहीं इसलिए अलग से फीस चार्ज नहीं की गयी।
अब समस्या है , कि 26 अप्रैल को बहस होगी , और हमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि इस सुनवाई में उनकी पूरी फीस देनी होगी, अन्यथा उनका कोर्ट में आना संभव नहीं होगा। उधर जूनियर वकील RK सिंह साहब ने भी कहा है कि इस बार उनकी भी फीस देनी होगी अलग से क्योंकि वही हर बार सीनियर एंगेज करते हैं कॉन्फ्रेंस करते हैं। केस मैनेजमेंट का सारा काम वही करते हैं। हमनें उनकी फीस भी slp की ड्राफ्टिंग और फाइलिंग के समय ही आधी फीस दी थी बाकी पेंडिंग रखा था। हमारी टीम इतने कम सहयोग में कैसे मैनेज कर रही है और यहाँ तक आयी है ये वही समझ सकते हैं जिन्होंने सबकुछ अपनी आँखों से देखा है।
* यदि कोई सहयोगी हमारी सारी डिटेल्स या प्रत्यक्ष रूप से सारी चीजें अपने सामने देखना चाहता है तो सुप्रीम कोर्ट में उसका स्वागत है या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर ले।
 हम जो भी करते हैं ,या किया है उसमें कुछ भी गुप्त नहीं होता क्योंकि हमारी नीयत और निष्ठा बिलकुल साफ़ है और स्पष्ट है कि हम अपनी नौकरी सुरक्षित करना चाहते हैं। बस इसके अलावा और कुछ भी नहीं। हमसे जितना संभव होगा करेंगे, जितना हो सकेगा अपने पास से लगाएंगे लेकिन सब कुछ एक सीमा तक।
बिना फण्ड के कुछ संभव नहीं होगा और फण्ड केवल आपके सक्रिय मात्र होने से आ जायेगा। एक बार हमपर विश्वास करके एक कदम हमारे साथ तो चलें। बदलाव आपको प्रत्यक्ष दिखेगा।
Please support aur mission for saving our job.
[4/22, 08:50] ‪+91 97951 11448‬: *अकैडमिक बनाम टेट*
*सुप्रीम कोर्ट की फाइनल सुनवाई*
*26/04/2017 दिन Wednesday*
साथियों 26/04/2017 की एडवांस लिस्ट आ गयी है सभी संभावनाओं पे विराम लग गया है अब ये फाइनल हो गया है कि 26 और 27 दोनों दिन जज आदर्श कुमार गोएल और जज यू यू ललित साब बैठेंगे और ये भी तय है कि इसी हफ्ते में मामला फाइनल भी हो जायेगा । अब बिलकुल भी समय नहीं बचा है आप लोग सोच लीजिये क्या करना है । शिक्षा मित्र हर सुनवाई को अपनी आखिरी सुनवाई समझ के पैसे खर्च करते हैं ये जानते हुए भी कि उनका बाहर होना तय है और हम सब क्या कर रहे हैं ??
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