यूपी की योगी सरकार ने शिक्षामित्रों सहित 2.90 लाख शिक्षकों को दिया बड़ा झटका, अब नहीं हो सकेगा ट्रांसफर

लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग में अंतरजनपदीय ट्रांसफर के लिए पांच सालों की सेवा अनिवार्य कर दिए जाने से विभाग के 2 लाख 90 हजार शिक्षक तबादले की दौड़ से बाहर हो गए हैं। प्रदेश में 2012 से मार्च 2017 के बीच नौ चरणों में 2 लाख 90 हजार शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है।
वहीं बीचे डेढ़ दशक से ज्यादा समय से सेवा दे रहे 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्र भी स्थानांतरण के आवेदन के दायरे से बाहर रहेंगे।

लाखों शिक्षक हुए अपात्र
बेसिक शिक्षा विभाग की अंतरजनपदीय तबादला नीति में 31 मार्च 2017 तक अपनी तैनाती या कार्यरत जिले में पांच साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को तबादले के आवेदन के लिए पात्र घोषित किया गया है। विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 4 लाख 94 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। अगस्त 2013 में शुरू हुई शिक्षकों की भर्ती में सबसे पहले 10,000 शिक्षकों की भर्ती की गई। उसके बाद 29000 शिक्षक, फिर 4200, 15000, 16000, 3500 और 16000 शिक्षकों की भर्ती की गई। जुलाई 2015 में दो चरणों में 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियमित नियुक्ति दी गई।


दो लाख शिक्षक ही कर सकेंगे आवेदन
वहीं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से टीईटी पास 60 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। 2012 के बाद प्रदेश में 2 लाख 90 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन शिक्षकों की कार्यरत जिले में पाच साल की सेवा पूरी नहीं हुई है, ऐसे में ये तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। हालांकि इनमें से कुछ शिक्षक पिछली सरकार में अंतरजनपदीय तबादले का लाभ ले चुके हैं। ऐसे में करीब दो लाख शिक्षक ही अंतरजनपदीय तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। आपको बता दें कि शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के नियमित पद पर समायोजित हुए पांच साल नहीं हुए हैं, इसलिए वे भी अंतरजनपदीय तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।


समायोजन के मानक तय
सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8 तक ) में तैनात शिक्षकों के समायोजन के लिए छात्रों की संख्या के मानक तय कर दिए गए हैं। किसी भी विद्यालय में ज्यादा से ज्यादा 40 छात्र या कम से कम 20 छात्र पर एक शिक्षक की तैनाती जरूरी कर दी गई है। आरटीई के मानकों की अगर बात करें तो प्राथमिक विद्यालयों में 30 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35 छात्रों पर एक शिक्षक का मानक है। शिक्षकों के समायोजन और स्थानांतरण के लिए मंगलवार को आदेश जारी होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। जिले के अंदर और अंतर जनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। सभी बीएसए से पद निर्धारण की अंतिम रिपोर्ट मांगी गई है।


जिलों में तबादलों के लिए देने होंगे पांच विकल्प
नई ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक शिक्षकों को तबादलों के लिए पांच विद्यालयों का विकल्प देना होगा, जबकि अंतरजनपदीय तबादलों के लिए तीन जिलों का विकल्प देना होगा। रिक्त पदों के आधार पर विकल्प वाले जनपदों में तबादलों पर विचार किया जाएगा। अंतरजनपदीय तबादलों के लिए 7 अगस्त से 20 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ वेटेज अंक के लिए वांछित दस्तावेज की स्कैन कॉपी भेजनी होगी। तबादलों में असाध्य रोगों से पीडि़त, विकलांग और महिला शिक्षकों को पांच वेटेज अंकों की वरीयता मिलेगी। तबादला सूची 31 अगस्त को जारी होगी।


हटेंगे सरप्लस शिक्षक
जिलों के अंदर तबादलों और समायोजन के लिए 30 जून तक पांच विद्यालयों के विकल्प के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। तबादलों से पहले समायोजन किया जाएगा। समायोजन के लिए तय किया गया है कि किसी भी विद्यालय में चालीस बच्चों पर एक शिक्षक से अधिक नहीं होगा और 20 बच्चों पर एक शिक्षक से कम नहीं होना चाहिए। इस फार्मूले के आधार पर अतिरिक्त शिक्षकों को हटाकर अन्य विद्यालय में तैनात किया जाएगा। समायोजन में सबसे पहले जूनियर शिक्षक को हटाया जाएगा। समायोजन में विकलांग, असाध्य और महिला शिक्षक की तैनाती मूल ब्लॉक के अन्य विद्यालय में होगी, जबकि पुरुष शिक्षकों को अन्य ब्लॉक में भेजा जाएगा।

ज्यादा पद रिक्त हैं तो अंतरजनपदीय तबादला नहीं होगा
नई तबादला नीति में यह भी स्पष्ट हैं कि यदि किसी जनपद में कुल स्वीकृत पदों के सापेक्ष 15 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं तो किसी भी शिक्षक का जनपद से बाहर तबादला नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार यह भी तय किया गया है कि रिक्त पदों के सापेक्ष सिर्फ 25 फीसदी शिक्षकों के तबादलों पर विचार होगा। इस नियम को यूं समझिए कि यदि किसी जिले में 10000 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं और जनपद में डेढ़ हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं तो उक्त जनपद से किसी शिक्षक का तबादला दूसरे जनपद में नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार यदि जनपद में कुल स्वीकृत पदों के मुकाबले एक हजार पद रिक्त हैं तो अंतरजनपदीय तबादले तो होंगे, लेकिन सिर्फ रिक्त पदों के सापेक्ष 25 फीसदी यानी 250 शिक्षकों के तबादले होंगे। इस नियम से दूर-दराज के पिछड़े जनपदों में नियुक्त शिक्षकों का तबादला फंस जाएगा।
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