इलाहाबाद : योगी सरकार ने स्वास्थ्य, आबकारी एवं बेसिक शिक्षा सहित कई विभागों में लंबे अरसे से एक ही जगह जमे कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए नई तबादला नीति जारी कर दी है। अब विभाग में ऐसे लोगों को जल्दी ही तगड़ा झटका लगने वाला है, जो लंबे अर्से से एक ही जगह पर टिके हैं।
चिकित्सकों में मची खलबली : प्रदेश की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए योगी सरकार की ओर से बनाई गई नई तबादला नीति से पूरे स्वास्थ्य महकमें में खलबली है। इस नीति के घेरे में नए व पुराने चिकित्सकों आएंगे। माना जा रहा है कि एक माह में कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। जिला अस्पताल, समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा कमी स्पेशलिस्ट डाक्टर्स की रही है। इलाहाबाद मंडल के चार जनपदों में कुल 751 चिकित्सक हैं। इनमें प्रतापगढ़ सबसे ज्यादा चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है यहां 133 चिकित्सकों के पद खाली हैं। जब कि इलाहाबाद में 62, फतेहपुर में 33, कौशांबी में 14 चिकित्सकों की कमी लगातार बनी हुई है। 1आठ- आठ साल से एक ही स्थान में जमें हैं चिकित्सक : प्रदेश सरकार ने हर जिले की स्वास्थ्य ग्रेडिंग बनाई है। इसमें इलाहाबाद को ए, जबकि प्रतापगढ़ और फतेहपुर को बी और कौशांबी को सी ग्रेड में रखा गया है। इन जिलो में सबसे अधिक फतेहपुर और कौशांबी में आठ- आठ साल से चिकित्सक एक ही स्थान में जमे हुए हैं। कहीं- कहीं जुगाड़ से चिकित्सकों ने दोबारा उसी स्थान में तैनाती कराई जहां वह पहले भी तैनाती पा चुके हैं। प्रतापगढ़ और इलाहाबाद में भी जुगाड़ सिस्टम में चिकित्सक पीछे नही रहे हैं। मंडल के चार जिलों में दौ सौ से अधिक चिकित्सकों पर तबादले की सीधे गाज गिरती दिख रही है। गैर जनपद जाने में शासन की अधिक वेतन देने की योजना भी कितना कारगर होगी यह बड़ा सवाल है, लेकिन शासन की इस नीति ने प्रदेश के चिकित्सकों की नींद उड़ा दी है। 1शासन से मांगा जाने वाला डाटा भेजेंगे : एडी स्वास्थ्य इलाहाबाद मंडल बीपी सिंह ने कहा कि शासन स्तर से मांगी जाने वाली जानकारी भेजी जाएगी । कहा कि तबादला नीति से ऐसे स्थानों में भी चिकित्सक पहुंचेगे, जहां पर चिकित्सक तैनात ही नही हैं।
इलाहाबाद : आबकारी विभाग में लंबे अर्से से जमे ‘अंगद’ के पांव जल्द ही उखड़ने वाले हैं। नीति के विरुद्ध तैनात सभी संवर्ग के कर्मचारियों की सूची आबकारी मुख्यालय में तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि 30 जून तक सभी का स्थानांतरण हो जाएगा।
1जिले में तीन साल और मंडल में सात वर्ष से अधिक कोई भी कर्मचारी व अधिकारी नहीं रह सकता है। अब तक हुए तबादले में किसी भी कर्मचारी अथवा अधिकारी का स्थानांतरण निरस्त नहीं हुआ है। ऐसे में मनचाहे जिले में मलाईदार पोस्ट पर तैनात रहने वाले मठाधीश कर्मचारी तबादला रुकवाने की जुगत में लग गए हैं। लेकिन सिफारिश नहीं चलने से वह काफी परेशान हो गए हैं। 1इलाहाबाद जिले में करीब 25 से अधिक प्रधान आबकारी सिपाही और आबकारी सिपाही ऐसे हैं, जो लगभग 10 साल से जमे हुए हैं। लगभग ऐसा ही हाल कई अन्य जिलों का भी है। जनपद के अलावा प्रवर्तन, एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो, स्पेशल स्ट्राइक फोर्स और मुख्यालय में भी कई अधिकारी व कर्मचारी कई साल से तैनात हैं। हाल ही में आबकारी मुख्यालय का निरीक्षण करने आए आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने भी अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती को लेकर सख्त कदम उठाने की बात कही थी। वहीं रिक्त पड़े सेक्टर व क्षेत्र में भी जल्द ही नए इंस्पेक्टरों की तैनाती की बात कही जा रही है। संबंधित आदेश एक-दो दिन में आ सकता है।
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चिकित्सकों में मची खलबली : प्रदेश की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए योगी सरकार की ओर से बनाई गई नई तबादला नीति से पूरे स्वास्थ्य महकमें में खलबली है। इस नीति के घेरे में नए व पुराने चिकित्सकों आएंगे। माना जा रहा है कि एक माह में कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। जिला अस्पताल, समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा कमी स्पेशलिस्ट डाक्टर्स की रही है। इलाहाबाद मंडल के चार जनपदों में कुल 751 चिकित्सक हैं। इनमें प्रतापगढ़ सबसे ज्यादा चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है यहां 133 चिकित्सकों के पद खाली हैं। जब कि इलाहाबाद में 62, फतेहपुर में 33, कौशांबी में 14 चिकित्सकों की कमी लगातार बनी हुई है। 1आठ- आठ साल से एक ही स्थान में जमें हैं चिकित्सक : प्रदेश सरकार ने हर जिले की स्वास्थ्य ग्रेडिंग बनाई है। इसमें इलाहाबाद को ए, जबकि प्रतापगढ़ और फतेहपुर को बी और कौशांबी को सी ग्रेड में रखा गया है। इन जिलो में सबसे अधिक फतेहपुर और कौशांबी में आठ- आठ साल से चिकित्सक एक ही स्थान में जमे हुए हैं। कहीं- कहीं जुगाड़ से चिकित्सकों ने दोबारा उसी स्थान में तैनाती कराई जहां वह पहले भी तैनाती पा चुके हैं। प्रतापगढ़ और इलाहाबाद में भी जुगाड़ सिस्टम में चिकित्सक पीछे नही रहे हैं। मंडल के चार जिलों में दौ सौ से अधिक चिकित्सकों पर तबादले की सीधे गाज गिरती दिख रही है। गैर जनपद जाने में शासन की अधिक वेतन देने की योजना भी कितना कारगर होगी यह बड़ा सवाल है, लेकिन शासन की इस नीति ने प्रदेश के चिकित्सकों की नींद उड़ा दी है। 1शासन से मांगा जाने वाला डाटा भेजेंगे : एडी स्वास्थ्य इलाहाबाद मंडल बीपी सिंह ने कहा कि शासन स्तर से मांगी जाने वाली जानकारी भेजी जाएगी । कहा कि तबादला नीति से ऐसे स्थानों में भी चिकित्सक पहुंचेगे, जहां पर चिकित्सक तैनात ही नही हैं।
इलाहाबाद : आबकारी विभाग में लंबे अर्से से जमे ‘अंगद’ के पांव जल्द ही उखड़ने वाले हैं। नीति के विरुद्ध तैनात सभी संवर्ग के कर्मचारियों की सूची आबकारी मुख्यालय में तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि 30 जून तक सभी का स्थानांतरण हो जाएगा।
1जिले में तीन साल और मंडल में सात वर्ष से अधिक कोई भी कर्मचारी व अधिकारी नहीं रह सकता है। अब तक हुए तबादले में किसी भी कर्मचारी अथवा अधिकारी का स्थानांतरण निरस्त नहीं हुआ है। ऐसे में मनचाहे जिले में मलाईदार पोस्ट पर तैनात रहने वाले मठाधीश कर्मचारी तबादला रुकवाने की जुगत में लग गए हैं। लेकिन सिफारिश नहीं चलने से वह काफी परेशान हो गए हैं। 1इलाहाबाद जिले में करीब 25 से अधिक प्रधान आबकारी सिपाही और आबकारी सिपाही ऐसे हैं, जो लगभग 10 साल से जमे हुए हैं। लगभग ऐसा ही हाल कई अन्य जिलों का भी है। जनपद के अलावा प्रवर्तन, एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो, स्पेशल स्ट्राइक फोर्स और मुख्यालय में भी कई अधिकारी व कर्मचारी कई साल से तैनात हैं। हाल ही में आबकारी मुख्यालय का निरीक्षण करने आए आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने भी अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती को लेकर सख्त कदम उठाने की बात कही थी। वहीं रिक्त पड़े सेक्टर व क्षेत्र में भी जल्द ही नए इंस्पेक्टरों की तैनाती की बात कही जा रही है। संबंधित आदेश एक-दो दिन में आ सकता है।
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