Mohd Arshad ; लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम वायरल तथा तमाम प्रतिक्रियाएँ

लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम वायरल हो रहा है तथा तमाम प्रतिक्रियाएँ आ रही है । कुछ बी टी सी अभ्यर्थी लिखित परीक्षा को लेकर थोड़ा सा चिंतित नज़र आ रहे हैं ।
लिखित परीक्षा कोई बड़ा हौवा नही है यह एक सामान्य परीक्षा ही है जो आज के 10-15 वर्ष पूर्व प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती थी ।
हालांकि रिक्त पदों की संख्या को देखते हुए ऐसी परीक्षा की कोई आवश्यकता नही थी । परीक्षा के विभिन्न चरण एक फिल्टर की तरह होते हैं । ये फिल्टर तब लगते हैं जब बेहद कम और अभ्यर्थी अधिक होते हैं । सरकार न्योक्ता है तो चयन का आधार निर्धारित करने के लिए वो स्वतंत्र है । वस्तुतः लिखित परीक्षा एवं परिणाम मे समय लगेगा तब तक सरकार का पैसा बचेगा जैसे 12460 मे नियुक्ति न देकर बच रहा है ।
पाठ्यक्रम बी टी सी लेवल का ही होगा और वही सब कुछ पूछा जाएगा जिसे आप पिछले 22 सालों से पढ़ते आ रहे हैं , जिसे आपने टी ई टी की परीक्षा मे देखा है या जिसे आप बैंकिंग या एसएससी आदि मे देखते आ रहे हैं फर्क इतना सा होगा की गोला भरने के बजाय आपको उत्तर लिखना होगा । हाइ स्कूल , इंटर , स्नातक , बी टी सी सब जगह आपने ऐसे ही प्रश्न पत्र हल किए हैं । इसलिए ये चिंता का विषय नही है ।
सभी का चयन तभी सुनिश्चित है जब अधिक से अधिक पद विज्ञापित हो । इस हेतु बी टी सी ट्रेनी वेलफ़ेयर सदैव से प्रयासरत रहा है । 137000 पद सुप्रीम कोर्ट से असोसियेशन ने रिक्त कराये हैं तो विज्ञापित भी होंगे । इसके अतिरिक्त असोसियेशन द्वारा एससीईआरटी से उक्त पाठ्यक्रम के आधार पर आधिकारिक मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी कराने का प्रयास किया जाएगा ।
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