आगरा। उत्तर प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के
लिए बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र संगठन द्वारा डाली गई
रिव्य पिटीशन की डेट मिल गई है। 14 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। एक
बार फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने मजबूत तथ्यों के साथ शिक्षामित्र संगठन के
अधिवक्ता पक्ष रखेंगे।
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि उनकी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से बात हुई है, जिसमें उन्हे ये जानकारी मिली।
ये है सुनवाई की तिथि
वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव यादव ने बताया कि रिव्यू पिटीशन नंबर 2828 /2017 की डेट आ चुकी है। 14 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि अब शिक्षामित्र साथी नए सिरे से तैयारी करें। वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि वर्तमान में समय समय पर कानून में आए बदलाव को शिक्षामित्रों पर थोपा जा रहा है,इससे समस्या उत्पन्न हो रहीं हैं। इसी वजह से न्यायालय को 1999 से जारी शासनादेश से लेकर वर्तमान में आज तक समय समय पर जो भी तथ्यात्मक बदलाव हुआ है, उसे भी न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा
नया एक्ट भी बनेगा संजीवनी
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 9 अगस्त को भारत सरकार ने एक नया एक्ट पास किया है। जिसके अनुसार जो भी संविधाकर्मी हैं, जिनकी योग्यता पूरा नहीं हुई है, उन्हें अपने पद पर रहते हुए, शैक्षिक योग्यता पूरी करने का अधिकार दिया गया है। संगठन द्वारा इस नए एक्ट के साक्ष्य भी न्यायालय के सामने रखे जाएंगे। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों का संघर्ष अभी जारी है। रिव्यू पिटीशन और क्यूरिटी पिटीशन अभी आशा की दो किरण बाकी हैं।
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जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि उनकी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से बात हुई है, जिसमें उन्हे ये जानकारी मिली।
ये है सुनवाई की तिथि
वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव यादव ने बताया कि रिव्यू पिटीशन नंबर 2828 /2017 की डेट आ चुकी है। 14 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि अब शिक्षामित्र साथी नए सिरे से तैयारी करें। वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि वर्तमान में समय समय पर कानून में आए बदलाव को शिक्षामित्रों पर थोपा जा रहा है,इससे समस्या उत्पन्न हो रहीं हैं। इसी वजह से न्यायालय को 1999 से जारी शासनादेश से लेकर वर्तमान में आज तक समय समय पर जो भी तथ्यात्मक बदलाव हुआ है, उसे भी न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा
नया एक्ट भी बनेगा संजीवनी
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 9 अगस्त को भारत सरकार ने एक नया एक्ट पास किया है। जिसके अनुसार जो भी संविधाकर्मी हैं, जिनकी योग्यता पूरा नहीं हुई है, उन्हें अपने पद पर रहते हुए, शैक्षिक योग्यता पूरी करने का अधिकार दिया गया है। संगठन द्वारा इस नए एक्ट के साक्ष्य भी न्यायालय के सामने रखे जाएंगे। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों का संघर्ष अभी जारी है। रिव्यू पिटीशन और क्यूरिटी पिटीशन अभी आशा की दो किरण बाकी हैं।
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